दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर ऑटो और कैब पार्किंग को लेकर गुड न्यूज, रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने की बड़ी घोषणा
Indian Railway रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली सहित दिल्ली के अन्य बड़े रेलवे स्टेशनों पर कैब और ऑटो पार्किंग शुल्क में कमी की घोषणा की है। कैब चालकों को अब 1200 रुपये प्रति माह की जगह 400 रुपये और ऑटो चालकों को 700 रुपये की जगह 200 रुपये पार्किंग शुल्क देना होगा। कुलियों की समस्याओं का समाधान करने का भी आश्वासन दिया गया है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। नई दिल्ली सहित दिल्ली के अन्य बड़े स्टेशनों पर कैब और आटो पार्किंग के शुल्क में कमी कर दी गई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशनों पर आटो व कैब चालकों और कुलियों से मुलाकात करने के बाद इसकी घोषणा की।
कैब चालक को अब 12 सौ रुपये प्रति माह की जगह चार सौ और ऑटो चालकों को सात सौ की जगह मात्र दो सौ रुपये पार्किंग देना होगा। कुलियों की समस्या भी हल करने का आश्वासन दिया।
मंत्री ने मौके पर ही पार्किंग शुल्क में कमी की घोषणा की
मंगलवार दोपहर वह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के साथ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। कैब व आटो चालकों और कुलियों के प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात कर मांग पत्र सौंपा। मंत्री ने मौके पर ही पार्किंग शुल्क में कमी की घोषणा कर दी।
कुलियों ने प्रत्येक स्टेशन पर आराम घर बनाने, परिवार को 20 लाख रुपये तक की बीमा व उपचार की सुविधा देने, बच्चों की पढ़ाई की सुविधा देने और वर्दी की समस्या हल करने की मांग की। रेल मंत्री ने कहा, 50 से अधिक कुली जिस स्टेशन पर होंगे उन्हें आराम घर मिलेगा।
कुलियों की समस्याओं का समाधान करने का भी दिया आश्वासन
आयुष्मान योजना के अंतर्गत उनका व उनके स्वजनों का उपचार, रेलवे स्कूल में बच्चों को पढ़ाई की सुविधा मिलेगी। वर्दी की समस्या हल होगी। उन्होंने कुलियों को यात्रियों से अच्छे व्यवहार की सलाह दी।
कहा, ऐसा कोई काम नहीं होने चाहिए जिससे कि उन्हें व रेलवे को लेकर यात्रियों के मन में गलत धारना बने। इस मौके पर ऑटो रिक्शा संघ के महामंत्री राजेंद्र सोनी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
वहीं पर पिछले साल दिसंबर महीने में राजधानी में बढ़ते ट्रैफिक चालान की समस्या को निपटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनमोहन ने राउज एवेन्यू कोर्ट परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में सांध्यकालीन अदालतों का शुभारंभ किया था। ये अदालतें दिल्ली की सभी 11 जिला अदालतों में 11 पायलट परियोजनाओं के तहत शुरू की गई, जिनमें हर रोज 200 चालान का निपटारा किया जा रहा है। न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य कानून के शासन को बढ़ावा देना है।
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