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    यादें: डॉ. मनमोहन सिंह का पुरानी दिल्ली की रामलीलाओं से था गहरा नाता, पढ़ें उनसे जुड़ी कुछ खास बातें

    Updated: Fri, 27 Dec 2024 08:07 AM (IST)

    पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का पुरानी दिल्ली की रामलीलाओं से गहरा नाता था। वह लगातार 15 वर्षों तक प्रत्येक वर्ष रामलीलाओं का मंचन देखने पुरानी ...और पढ़ें

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    डॉ. मनमोहन सिंह का पुरानी दिल्ली की रामलीलाओं से गहरा नाता रहा था। फाइल फोटो

    नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का पुरानी दिल्ली की रामलीलाओं से गहरा नाता रहा था। वह लगातार 15 वर्षों तक प्रत्येक वर्ष रामलीलाओं का मंचन देखने पुरानी दिल्ली आते रहे।

    रामलीला उत्सव में जरूर आते थे डॉ. मनमोहन सिंह

    प्रधानमंत्री बनने के बाद वर्ष 2004 से वर्ष 2013 तक वह हर दशहरा रामलीला मैदान में आयोजित होने वाले रामलीला उत्सव में जरूर आते थे और रावण पर तीर चलाकर बुराइयों पर अच्छाई का संदेश देते थे। उनके साथ कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी होती थीं। 

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    मनमोहन सिंह का रामलीलाओं से रहा गहरा नाता

    वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद भी उनका नाता रामलीलाओं से बना रहा और उस वर्ष से वह लालकिला मैदान में आयोजित होने वाली नव श्री धार्मिक लीला का मंचन देखने आने लगे। यह सिलसिला कोरोना महामारी के ठीक पहले तक चला। 

    जब टूट गया था ये सिलसिला

    वहीं, वर्ष 2020 में वैश्विक महामारी के कारण जब दिल्ली में रामलीला का मंचन नहीं हुआ और मैदान सूने हो गए, तब जाकर रामलीला में उनके आने का सिलसिला भी टूट गया। फिर बाद के वर्षों में उनका स्वास्थ्य भी इसकी इजाजत नहीं दे रहा था। 

    सादगी से लोगों को धर्म के मार्ग पर चलने का देते थे संदेश

    रामलीला मैदान में मंचित होने वाली श्री रामलीला कमेटी के पूर्व संरक्षक व मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री काल में लोकसभा सांसद रहे जयप्रकाश अग्रवाल बताते हैं कि वह रामलीला आयोजन में न सिर्फ श्रद्धापूर्वक भाग लेते बल्कि प्रभु राम, लक्ष्मण और माता सीता की आरती उतारते हुए उन्हें तिलक लगाते थे। साथ ही सादगी से लोगों को धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश देते थे। 

    2017 में पीएम मोदी के साछ दशहरा उत्सव में आए थे नजर

    बताया गया कि अंतिम बार उन्होंने दशहरा उत्सव में वर्ष 2019 में कबूतर उड़ाकर शांति का संदेश भी दिया था। विशेष बात कि वर्ष 2017 में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी दशहरा उत्सव में नजर आए थे। तब वह लाल किला मैदान में होने वाली श्री धार्मिक लीला के आयोजन में शामिल हुए थे।

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    क्या बताते हैं कि जयप्रकाश अग्रवाल?

    जयप्रकाश अग्रवाल याद कर बताते हैं कि उन्हें चांदनी चौक से विशेष लगाव था। अक्सर मुलाकातों में वहां की बातें करते थे। वहां की स्थिति को जानते थे।

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