CES 2025-26 : डीयू में ‘काम्पिटेंस एन्हांसमेंट स्कीम’ के लिए आवेदन शुरू, रेगुलर कोर्सेस में ले सकेंगे प्रवेश
दिल्ली विश्वविद्यालय ने जुलाई-दिसंबर 2025 सत्र के लिए काम्पिटेंस एन्हांसमेंट स्कीम (सीईएस) के तहत आवेदन आमंत्रित किए हैं। यह योजना सभी आयु वर्ग के व्यक्तियों को डीयू के विभागों और कॉलेजों में चल रहे पाठ्यक्रमों में नामांकन का अवसर प्रदान करती है। सीईएस 2025 का उद्देश्य नई शिक्षा नीति के तहत सीखने की स्वतंत्रता को बढ़ावा देना है आवेदन 29 जुलाई से शुरू हो चुके हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र जुलाई- दिसंबर 2025 के लिए काम्पिटेंस एन्हांसमेंट स्कीम (सीईएस) के तहत आवेदन आमंत्रित किए हैं। इस योजना के अंतर्गत किसी भी आयु वर्ग के इच्छुक व्यक्ति विश्वविद्यालय के विभागों और कालेजों में चल रहे पहले, तीसरे और पांचवें सेमेस्टर के पाठ्यक्रमों के चयनित पेपरों में नामांकन कर सकते हैं।
नई शिक्षा नीति 2020 की भावना को साकार करते हुए यह योजना सीखने की आज़ादी, जीवन भर शिक्षा और व्यावसायिक कुशलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
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योजना का संचालन दिल्ली विश्वविद्यालय का इंस्टीट्यूट आफ लाइफ लांग लर्निंग (आइएलएलएल) कर रहा है, जो कि इसका नोडल संस्थान है। कोई भी इच्छुक व्यक्ति जो चयनित पेपर की न्यूनतम पात्रता और पूर्व आवश्यकताओं को पूरा करता है, वह सीईएस के अंतर्गत पंजीकरण कर सकता है।
प्रवेश सीट की उपलब्धता और विभाग एवं काॅलेज की स्वीकृति पर निर्भर करेगा। गौरतलब है कि सीईएस के तहत दी जाने वाली सीटें अतिरिक्त होंगी और नियमित छात्रों की सीटों को प्रभावित नहीं करेंगी।
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आईएलएलएल के निदेशक प्रो. संजय रॉय ने जानकारी दी कि इच्छुक अभ्यर्थी www.admission.uod.du.ac.in या www.illl.du.ac.in पर उपलब्ध ई-ब्रोशर के माध्यम से पाठ्यक्रमों, पात्रता मानदंड, पंजीकरण प्रक्रिया और शुल्क ढांचे की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इच्छुक अभ्यर्थी https://ces.du.ac.in/index.php/site/login कर सकते हैं। किसी भी स्पष्टीकरण या सहायता के लिए अभ्यर्थी ces
योजना के प्रमुख उद्देश्य
- कार्यरत उद्यमियों के व्यवसायिक और प्रबंधकीय कौशल का संवर्धन
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए ज्ञानार्जन का अवसर
- कारीगरों के पारंपरिक कौशल में नवाचार
- युवाओं को आत्मविश्वास और व्यवहारिक शिक्षा में वृद्धि
- विश्वविद्यालय संसाधनों का जनहित में समावेश
- समाज की बदलती ज़रूरतों के अनुसार शिक्षा का अनुकूलन
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