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    Online Task में मोटा मुनाफ़ा कमाने का झांसा देकर जेब कर देते थे खाली, मेरठ और मुजफ्फरनगर में छापेमारी कर दबोचा

    Updated: Sat, 12 Jul 2025 06:45 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन टास्क देकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। मेरठ और मुजफ्फरनगर में छापेमारी कर पांच जालसाजों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों ने टेलीग्राम के माध्यम से टास्क पूरा करने का लालच देकर एक महिला से 11 लाख रुपये ठगे थे। पुलिस ने उनके पास से मोबाइल फोन सिम कार्ड चेक बुक और एटीएम कार्ड बरामद किए हैं।

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    ऑनलाइन टास्क देकर उच्च रिटर्न का झांसा देकर 11 लाख ठगने वाले पांच जालसाज दबोचे।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। ऑनलाइन टास्क देकर अच्छे रिटर्न का लालच देकर लोगों के साथ ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। उत्तरी जिले की साइबर थाना पुलिस की टीम ने पांच जालसाजों को गिरफ्तार किया है। हाल ही में इन आरोपितों ने पीड़ित से 11 लाख रुपये ठगे थे।

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    इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, पीड़ित को टेलीग्राम के ग्रुप से जोड़कर टास्क पूरा करने पर अच्छा रिटर्न देने का वादा करके ठगी की गई थी। पुलिस टीम ने यूपी के मेरठ और मुजफ्फरनगर में छापेमारी कर आरोपितों को दबोचा है।

    एक ठग तो कर रहा एमबीबीएस

    इनमें से एक मेरठ का रहने वाला कार्तिक सैनी है। वह बीकाम की पढ़ाई करने के बाद ठग बन गया। वहीं, दूसरा आरोपि‍त वरुण कुमार अभी बीबीए कर रहा है। वहीं, मुजफ्फरनगर के शारिम खान, बीबीए कर रहे हुमैद खान और सुहैल सैफी के रूप में हुई है।

    आरोपितों के पास से कुल पांच मोबाइल फोन, पांच सिम कार्ड, तीन चेक बुक और दो एटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं। एक अन्य आरोपित समीर मलिक भी गिरोह में शामिल है जो रूस में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है।

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    टास्क का प्रचार करने वाला एक लिंक मिला

    उपायुक्त राजा बांठिया के मुताबिक, साइबर नार्थ पुलिस थाने में शास्त्री नगर की जे. शर्मा से 11 लाख रुपये की धोखाधड़ी के संबंध में एक शिकायत मिली थी। पूछताछ में पीड़िता ने बताया कि उसे टेलीग्राम पर भुगतान वाले टास्क का प्रचार करने वाला एक लिंक मिला। इसके बाद, जालसाज ने शिकायतकर्ता को टेलीग्राम पर टास्क भेजा और उसने कई लेन-देन में 11 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए।

    प्राप्त कर कई बार छापे मारे गए

    इंस्पेक्टर मनीष कुमार के नेतृत्व में गठित टीम ने जांच के दौरान, लगभग सौ मोबाइल नंबरों और आइएमईआइ नंबरों के काल डिटेल रिकार्ड का विश्लेषण कर कई बैंक खातों में धन के लेनदेन की जांच की। ई-कामर्स और यूपीआई प्लेटफार्म जैसे फाेनपे, पेटीएम, रैपिडो, पार्टर, स्विगी, जोमेटो, ब्लूडार्ट आदि से जानकारी प्राप्त कर कई बार छापे मारे गए, लेकिन जालसाज बार-बार अपना ठिकाना बदल रहे थे।

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    मेरठ में छापेमारी कर कार्तिक सैनी को पकड़ा

    इसके बाद पुलिस टीम को संदिग्ध मोबाइल नंबरों की लोकेशन मेरठ और मुजफ्फरनगर में मिली। टीम ने 25 जून को मेरठ में छापेमारी कर कार्तिक सैनी को गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर सह-आरोपित वरुण कुमार को भी मेरठ से गिरफ्तार किया गया।

    इसके बाद सात जुलाई को मुजफ्फरनगर में छापा मारकर आरोपति शारिम खान को गिरफ्तार किया गया और उसकी निशानदेही पर उसके दो सह-आरोपितों हुमैद खान और सुहैल सैफी को भी गिरफ्तार कर लिया।

    सिम वरुण को मुहैया कराई 

    पूछताछ में कार्तिक ने बताया कि उसने खाते खोले और सभी नेट बैंकिंग आइडी, पासवर्ड, कार्पोरेट आइडी और खाते से जुड़ी सिम वरुण को मुहैया कराई और आठ हजार रुपये लिए। वरुण ने बताया कि प्रत्येक लेनदेन पर पांच प्रतिशत कमीशन के लिए यश नामक एक व्यक्ति को खाते का विवरण दिया था।

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    कुल 2.75 लाख रुपये खाते में जमा किए

    इसके बाद यश दिए गए बैंक खाते में ठगी की राशि ट्रांसफर करवाता था और वरुण कार्तिक से नकदी लेकर यश को पैसे भेजता था। उपरोक्त मामले में, पीड़ित के कुल 2.75 लाख रुपये खाते में जमा किए गए थे, जिन्हें कार्तिक द्वारा निकालने के बाद यश को भेज दिया गया था।

    खाते में एक लाख रुपये ट्रांसफर किए

    रैकेट में शामिल शारिम और सुहैल ने बताया कि उन्होंने खाते खोले और हुमैद को बैंक खाते की सारी जानकारी दी और प्रत्येक खाते के लिए पांच हजार रुपये लिए। उपरोक्त मामले में, पीड़ित के 2.80 लाख रुपये खाते में जमा किए गए थे और हुमैद के निर्देश पर, उसने सुहैल के खाते में एक लाख रुपये ट्रांसफर किए थे।

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