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    UP Crime: कॉल सेंटर चलाने वालों ने नौकरी छोड़ बनाई ठग कंपनी, 5 गिरफ्तार; सच्चाई जान दंग रह गए अफसर

    By vinit Edited By: Kapil Kumar
    Updated: Fri, 11 Jul 2025 01:39 PM (IST)

    गाजियाबाद साइबर क्राइम पुलिस ने बीमा पॉलिसी परिपक्वता राशि को बिटक्वाइन में निवेश कराकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनसे 44 लाख रुपये की ठगी का खुलासा हुआ है। गिरोह का सरगना रवि प्रताप पूर्व में बीमा काल सेंटर में काम करता था जहाँ से उसने पॉलिसीधारकों का डाटा चुराकर ठगी शुरू की।

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    कॉल सेंटरकर्मियों ने नौकरी छोड़ बनाई ठग कंपनी।

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। बीमा पालिसी परिपक्वता की धनराशि बिटक्वाइन में निवेश कर मोटा मुनाफा देने के नाम पर लाेगों से ठगी करने वाले गिरोह का साइबर क्राइम थाना पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है।

    आरोपितों से तीन मामलों में 44 लाख रुपये की ठगी का पता चला है। पकड़े गए तीन युवक नोएडा के बीमा क्षेत्र से जुड़े काल सेंटर में काम करते थे। काल सेंटर की नौकरी छोड़ खुद की ठग कंपनी शुरू कर दी।

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    डीसीपी सिटी धवल जायसवाल के मुताबिक पकड़े गए आरोपित इंदिरापुरम नीति खंड निवासी रवि प्रताप , विकास कुमार, नवीन प्रताप सिंह, जालौन के औरेखी माधोगढ़ निवासी अनुज और इटावा के ग्वाली बाईपास निवासी गुंजन हैं।

    पूछताछ में गिरोह के मास्टरमाइंड रवि प्रताप ने बताया कि वह वर्ष 2020 में नोएडा में बीमा क्षेत्र में काम करने वाले काल सेंटर प्राइम फोलियो में नौकरी करता था। कंपनी में उसके साथ विकास कुमार व संकेत त्यागी भी काम करता था। संकेत त्यागी ने कंपनी से पालिसीधारकों का डाटा चोरी कर लिया।

    इसके बाद रवि प्रताप, विकास कुमार तथा संकेत त्यागी ने प्राइम फोलियो कंपनी से नौकरी छोड़ दी और ठगी करने लगे। रुपये ट्रांसफर कराने के लिए अनुज कुमार, सोनू कुमार, मनोज कुमार, अमन कुमार तथा गुंजन के खातों का प्रयोग करते थे। किराए पर खाता देने वाले अनुज और गुंजन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जबकि गिरोह के सोनू कुमार, मनोज कुमार, अमन कुमार समेत संकेत त्यागी फरार है।

    पीड़ित ने केस दर्ज करने की जानकारी आरोपितों को दे दी

    पीड़ित बुजुर्ग महिपाल बिष्ट से ठगी के बाद भी आरोपित उनसे और धनराशि ऐंठने के लिए प्रयास कर रहे थे। केस दर्ज होने के बाद फोन आने पर पीड़ित ने उन्हें बता दिया कि अब पुलिस ही उनसे हिसाब लेगी।

    इसके बाद आरोपितों ने अपना सारा डाटा डिलीट कर दिया और मोबाइल, सिम कार्ड एवं डेबिट कार्ड तोड़कर नाले में फेंक दिए। पलिस को इस वजह से आरोपितों से अन्य पीड़ितों और बैंक खातों का विवरण नहीं मिल पाया है।

    आरोपितों से बरामदगी

    एडीसीपी क्राइम पीयूष कुमार सिंह के मुताबिक आरोपितों से पांच मोबाइल फोन, एक लैंडलाइन डिवाइस, दो चे, एक डेबिट कार्ड, महिंद्र एक्सयूवी 500 कार, एक लाख 83 हजार रुपये नकद बरामद किए हैं।

    पुलिस को जांच में 12 बैंक खातों की जानकारी मिली है जिनका प्रयोग ठगी में किया गया। पूछताछ में गाजियाबाद के अलावा हैदराबाद निवासी नरसिम्हा से आठ लाख रुपये और तमिलनाडू के नीलगिरी निवासी वी सर्वनन के साथ 35 हजार रुपये की ठगी के मामले की जानकारी हुई है।