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    Odisha News: मोबाइल पर आ रहा नकली ई चालान का मैसेज, क्लिक करते ही हैक हो रहा बैंक अकाउंट

    By Jagran NewsEdited By: Ashish Mishra
    Updated: Fri, 11 Jul 2025 12:00 PM (IST)

    ओडिशा में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के नाम पर साइबर अपराधी फर्जी लिंक भेज रहे हैं। क्राइम ब्रांच ने असली और नकली संदेशों की पहचान करने की सलाह दी है। असली संदेश ओडी कोड से आते हैं और https वाले लिंक का उपयोग करते हैं। फर्जी लिंक http से शुरू होते हैं और बैंक खाते हैक कर सकते हैं। किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले जांच करें।

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    मोबाइल पर आ रहा नकली ई चालान मैसेज, क्लिंक करते हैक हो रहा है बैंक अकाउंट। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, कटक। ट्रैफिक नियम तोड़ने के आरोप में साइबर अपराधी गैंग ओडिशा परिवहन विभाग के नाम पर अब फर्जी यानी नकली लिंक मोबाइल को भेज रहे हैं ।

    इस तरह की फर्जी तथा नकली लिंक में जुर्माना राशि न भरने के लिए क्राइम ब्रांच की ओर से सलाह दी गई है।

    कोई भी गाड़ी चालक ट्रैफिक नियम तोड़ने के संबंध में मैसेज केवल ओडी वाहन कोड से गाड़ी मालिकों की मोबाइल को आता है। जिसे एनक्रिप्टेड मैसेज कहा जाता है । इस तरह के मैसेज किसी भी मोबाइल नंबर से नहीं आता है।

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    ऐसे में केवल https:/echallan.parivahan.gov.in/ लिंक में क्लिक करने के लिए सलाह दिया जाता है। उस लिंक पर क्लिक करने से चालान का रकम बाकी है या फिर जमा हुई है। उस संबंध में सूचना मिलता है।

    मोबाइल नंबर से आता है फर्जी मैसेज

    चालान बाकी रहता है तो रकम को अदा करने के लिए पेमेंट गेटवे को गाड़ी मालिक को वेबसाइट में जाने के लिए सलाह दी जाती है। इसी के माध्यम से चालान का रकम अदा किया जाता है। लेकिन मोबाइल को आने वाले नकली तथा फर्जी मैसेज एक मोबाइल नंबर से ही आ रहा है।

    वहां पर ऑनलाइन माध्यम से रकम अदा करने के लिए http://echallan.parivahan.in/ लिंक में क्लिक करने के लिए कहा जाता है। वहां पर क्लिक करने के बाद ग्राहक को सीधा पेमेंट गेटवे की वेबसाइट में लिया जा रहा है।

    फर्जी लिंक की पहचान कैसे करें

    चालान के रकम को अदा करने के लिए इस लिंक के ऊपर क्लिक करने के बाद गाड़ी मालिकों की बैंक अकाउंट हैक हो रहा है।

    जानकारों के मुताबिक, असली परिवहन विभाग के वेबसाइट के यूआरएल (यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर) के प्रारंभ में (https) रहता है, जबकि नकली वेबसाइट में http रह रहा है।

    क्लिंक करने से पहले करें जांच पड़ताल

    इससे यह पता लगाया जा सकता है कि, दूसरा फर्जी लिंक है। अगर किसी को परिवहन विभाग की ओर से कोई भी ट्रैफिक नियम उल्लंघन संबंधित लिंक मिल रहा है तो, उसकी जांच पड़ताल अवश्य कर लेनी चाहिए ।

    सच्चाई को बिना जांच किए उसके ऊपर क्लिक न करने के लिए क्राइम ब्रांच की ओर से लोगों को सलाह दी गई है। इन सलाह को ध्यान में रखकर साइबर अटैक से बचा जा सकता है।

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