दिल्ली हाईकोर्ट ने AAP सरकार और जिला मजिस्ट्रेट को जमकर लगाई फटकार, 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया
दिल्ली हाईकोर्ट ने फैक्ट्री मालिक से कर्मचारी को देय ग्रेच्युटी राशि की वसूली न करने पर जिला मजिस्ट्रेट और दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता 2023 से न्याय की गुहार लगा रहा है लेकिन अधिकारी गंभीर नहीं हैं। कोर्ट ने तीनों पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और चार हफ्ते में 330919 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने फैक्ट्री मालिक से कर्मचारी को देय ग्रेच्युटी राशि की वसूली न करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट और दिल्ली सरकार को फटकार लगाई।
न्यायमूर्ति गिरीश कथपालिया ने कहा कि याचिकाकर्ता वर्ष 2023 से इस अदालत के समक्ष न्याय की गुहार लगा रहा है और जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) (उत्तर-पश्चिमी), दिल्ली सरकार और जिला मजिस्ट्रेट (उत्तरी) कर्मचारी राज मोहन को ग्रेच्युटी की दी गई राशि की वसूली सुनिश्चित करने में गंभीर नहीं दिख रहे है।
अदालत ने तीनों पर 10 हजार का जुर्माना लगाते हुए चार सप्ताह के अंदर याचिकाकर्ता की देय ग्रेच्युटी की राशि 3,30,919 रुपये का भुगतान कराने को कहा।
नोटिस के बावजूद पेश नहीं हुए
अदालत ने कहा कि जहांगीरपुरी स्थित बोने केयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को ये राशि देनी थी, लेकिन कंपनी अदालत की ओर से भेजे गए नोटिस के बावजूद पेश नहीं हो रही हैं।
अधिवक्ता ने मामले में स्थगन की मांग की
वहीं, सुनवाई के दौरान अतिरिक्त स्थाई अधिवक्ता पेश नहीं हुए हैं और जिला मजिस्ट्रेट उत्तर-पश्चिमी, दिल्ली सरकार और जिला मजिस्ट्रेट उत्तरी जिला की ओर से पेश अधिवक्ता ने मामले में स्थगन की मांग की।
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कोई भुगतान नहीं किया गया
उन्होंने दलील दी कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। मामले की अगली सुनवाई 20 मई को होगी। कर्मचारी की ओर से पेश अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने दलील दी कि उनका मुवक्किल जिला मजिस्ट्रेट उत्तर-पश्चिमी और मेसर्स बोने केयर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम के तहत नियंत्रण प्राधिकरण द्वारा दिनांक ग्रेच्युटी राशि का भुगतान चाहता है। इतना समय बीतने के बाद भी उसे कोई भुगतान नहीं किया गया है।
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