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    'सुनिश्चित करें कि कोई भी पार्टी चुनाव में...', वोटिंग से पहले दिल्ली हाईकोर्ट का चुनाव आयोग को निर्देश

    Updated: Wed, 29 Jan 2025 06:52 PM (IST)

    Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025 दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग को निर्देश दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार चुनाव आयोग से कहा गया कि वह सुनिश्चित करें कि राजनीतिक दल और उनके प्रत्याशी चुनाव प्रचार के दौरान किसी भी अपमानजनक सामग्री का उपयोग न करें। आगे विस्तार से पढ़िए हाईकोर्ट ने और क्या कहा है।

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    दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव को लेकर चुनाव आयोग को निर्देश दिया है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग (Election Commission) को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करें कि राजनीतिक दल और उनके उम्मीदवार चुनाव प्रचार के दौरान किसी भी अपमानजनक सामग्री का उपयोग न करें।

    मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने जनहित याचिका पर यह निर्देश पारित किया। पीठ ने याचिकाकर्ताओं की शिकायत पर भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा प्रस्तावित कार्रवाई का संज्ञान लेते हुए याचिका का निपटारा कर दिया।

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    अदालत ने कहा कि राज्य चुनाव अधिकारी, मुख्य चुनाव अधिकारी और जिला चुनाव अधिकारी राजनीतिक दलों और उनके उम्मीदवारों द्वारा प्रसारित किए जा रहे ऐसे संदेशों और विज्ञापन सामग्री की जांच करने के लिए पूरी तरह से सशक्त और कर्तव्यबद्ध हैं।

    उचित कार्रवाई की जाएगी

    मुख्य चुनाव अधिकारी द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली जांच रिपोर्ट के आधार पर, ईसीआई या कानून के तहत किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा उचित कार्रवाई की जाएगी, जो कानून के तहत जरूरी होगी।

    माहौल खराब न होने दिया जाए

    विधान सभा चुनावों पर, पीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत ईसीआई का प्राथमिक कर्तव्य स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है। इसलिए यह ईसीआई का कर्तव्य है कि वह ऐसे संदेशों के प्रसार को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाए, जिनसे माहौल खराब होने की संभावना न हों।

    चुनाव स्थगित करने के अनुरोध पर, अदालत ने कहा कि चुनावों के बीच में ऐसी प्रार्थना को स्वीकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि जनहित याचिका में ऐसा कोई आधार उपलब्ध नहीं है।

    मुख्य चुनाव अधिकारी की रिपोर्ट प्राप्त होगी

    ईसीआई की ओर से पेश अधिवक्ता सिद्धांत कुमार ने दलील दी कि आयोग ने याचिकाकर्ताओं की शिकायत का संज्ञान लिया और मुख्य चुनाव अधिकारी, दिल्ली को आरोपों की जांच करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ईसीआइ ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें वायस काल सहित राजनीतिक विज्ञापनों को प्रमाणित करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि जब भी मुख्य चुनाव अधिकारी की रिपोर्ट प्राप्त होगी, उचित कार्रवाई की जाएगी।

    जनहित याचिका तीन अधिवक्तओं की ओर से दायर की गई थी, जिसमें निंदनीय और दूर्भावनापूर्ण सामग्री के प्रसारकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।

    व्यक्तिगत रूप से पेश हुए अधिवक्ता ध्रोन दीवान, कशिश धवन और अर्शिया जैन ने दावा किया कि वायस काल के माध्यम से एक संदेश प्रसारित किया गया था कि यदि किसी विशेष राजनीतिक दल को वोट नहीं दिया गया, तो मतदाताओं को दिए जाने वाले मुफ्त उपहार वापस ले लिए जाएंगे।

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    याचिका में आरोप लगाया गया है कि स्पैम काल सार्वजनिक डोमेन में घृणा, पूर्वाग्रह, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक सामग्री का प्रसार करने के इरादे से प्रेरित थे।

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