Court News : दिल्ली HC ने TRF आतंकी की जमानत याचिका की खारिज, कहा- आतंकी गतिविधि के लिए उकसाया
दिल्ली उच्च न्यायालय ने टीआरएफ आतंकी अरसलान फिरोज अहेंगर की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि आरोपित के खिलाफ पर्याप्त सुबूत हैं और उसने लोगों को आतंकी गतिविधियों के लिए उकसाया था। एनआईए ने आरोप लगाया था कि अहेंगर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े मेहरान यासीन शल्ला के संपर्क में था और युवाओं को आतंकी समूहों में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहा था।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ/TRF) आतंकवादी संगठन के कार्यकर्ता व आरोपित अरसलान फिरोज अहेंगर को जमानत देने से दिल्ली हाई कोर्ट ने इन्कार कर दिया। आरोपित द्वारा सुबूतों से छेड़छाड़ की प्रबल संभावना को देखते हुए न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद व न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने जमानत याचिका खारिज कर दी।
आतंकवादी गतिविधियों में रहा सक्रिय
अदालत ने कहा कि 20 वर्षीय आरोपित के खिलाफ पर्याप्त सुबूत पाए हैं और आरोपित ने न सिर्फ आतंकवादियों की तस्वीरें पोस्ट कीं, बल्कि लोगों को आतंकवादी गतिविधियों के लिए उकसाया भी। पीठ ने यह भी कहा कि आरोपित मारे गए आतंकवादी मेहरान यासीन शल्ला से निकटता से जुड़ा था या उसने स्वयं आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लिया था।
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कहा- उकसाने की प्रवृत्ति है...
पीठ ने कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री से पता चलता है कि आरोपित द्वारा साझा किए संदेशों में लोगों को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाने की प्रवृत्ति है। उक्त टिप्पणी के साथ जमानत देने से इन्कार करने के ट्रायल कोर्ट सितंबर 2024 के आदेश को चुनौती देने वाली आरोपित की याचिका खारिज कर दी।
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वर्ष 2021 में किया गया गिरफ्तार
आरोपित को 30 दिसंबर 2021 को गिरफ्तार किया गया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आरोप लगाया कि संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने की पृष्ठभूमि में लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों ने अल्पसंख्यकों, सुरक्षा बलों, राजनीतिक नेताओं और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों पर लक्षित हमलों की साजिश रची जा रही थी।
प्लेटफॉर्म पर डिजिटल रूप से था सक्रिय
आरोपित अहेंगर तैयबा से जुड़े मेहरान यासीन शल्ला से जुड़ा था। जांच एजेंसी ने कहा कि शल्ला दो अन्य व्यक्तियों के साथ 24 नवंबर 2021 को एक मुठभेड़ में मारा गया था। यह भी कहा कि शल्ला के प्रभाव में, अहेंगर कट्टरपंथी सामग्री साझा की जाने वाली विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर डिजिटल रूप से सक्रिय था।
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बना रखी थीं कई जीमेल आईडी
इंटरनेट मीडिया पर अंसार गजवात-उई-हिंद और शेखू नाइकू जैसे कुछ ग्रुप बनाने और कई जीमेल आईडी बनाने का भी आरोप है। इनके माध्यम से कट्टरपंथी विचार व्यक्त किए जाते थे और युवाओं को आतंकी समूहों में शामिल होने के लिए प्रेरित और कट्टरपंथी बनाया जा रहा था।
आरोपित ने जमानत की मांग करते हुए तर्क दिया था कि उसके खिलाफ रिकॉर्ड में ऐसा कोई सुबूत नहीं है, जिससे यह साबित हो कि वह टीआरएफ के साथ जुड़ा था।
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