क्रिप्टोकरंसी से देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है असर... कहकर दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत याचिका की खारिज
दिल्ली हाई कोर्ट ने क्रिप्टोकरंसी मामले में एक आरोपित की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि इससे देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है। आरोपित पर निवेशकों को भारी लाभ का लालच देकर ठगने का आरोप है। कोर्ट ने उसकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: क्रिप्टोकरंसी से जुड़े एक मामले में एक आरोपित की जमानत याचिका खारिज करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि इससे देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ सकता है।
न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया की पीठ ने कहा कि क्रिप्टोकरंसी मान्यता प्राप्त मुद्रा को अप्रत्याशित रूप में परिवर्तित कर देती है और इस करंसी में लेनदेन देश की आर्थिक व्यवस्था को अंधकार की ओर ले जा सकता है।
आरोपित व्यवसायी उमेश वर्मा पर दुबई स्थित क्रिप्टो कंपनी प्लूटो एक्सचेंज के जरिये निवेशकों से करोड़ों की ठगी का आरोप है।
राहत देने से इनकार करते हुए पीठ ने कहा कि आरोपित ने क्रिप्टोकरंसी को लेकर 61 निवेशकों को 20 से 30 प्रतिशत लाभ का झांसा देकर ठगा।
इतना ही नहीं जब देश में क्रिप्टोकरंसी को मान्यता नहीं रही तब भी आरोपित लोगों से निवेश कराता रहा, जिससे उसकी नीयत पर सवाल उठते हैं।
कोर्ट ने कहा कि उमेश वर्मा के खिलाफ इसी तरह के 13 अन्य मामले भी दर्ज हैं और उसकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए जमानत दिए जाने पर उसके भागने का खतरा हो सकता है।
उमेश वर्मा को दिसंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल अंतरिम जमानत पर था। कोर्ट ने आरोपित को जांच अधिकारी या ट्रायल कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।
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