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    Delhi Election: थम गया प्रचार, पर क्यों बदला दिल्ली का चुनाव? रिपोर्ट से समझिए नए विवाद के पीछे का समीकरण

    Updated: Tue, 04 Feb 2025 07:37 AM (IST)

    Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025 राजधानी दिल्ली में चुनाव का प्रचार सोमवार शाम को थम गया और अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है। बताया गया कि यमुना के पानी में जहर विवाद और आयकर छूट से दिल्ली के चुनाव में गर्माहट बढ़ गई है। वहीं तीनों प्रमुख पार्टियों के बीच मुकाबला कांटे का हो गया है। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

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    दिल्ली के चुनावी रण में नया विवाद खड़ा हो गया। फाइल फोटो

    संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार का शोर सोमवार शाम को थम गया है। पिछले कई दिनों से सभी पार्टियों के बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार कर एक-दूसरे पर तीखे हमले किए।

    आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के बीच आप संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा हरियाणा व भाजपा पर यमुना के पानी में जहर मिलाने के आरोप से दिल्ली के चुनावी रण में नया विवाद खड़ा हो गया।

    बजट में 12 लाख तक आयकर छूट

    वहीं, केंद्र सरकार के बजट में 12 लाख तक आयकर छूट की घोषणा से भी चुनावी समीकरण प्रभावित होने की बात कही जा रही है। दिल्ली की सभी सीटों पर कांटे की लड़ाई है। आप के पास चौथी बार सत्ता में वापस आने की चुनौती है।

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    AAP ऐसे तलाश रही सत्ता का रास्ता

    आप अपने कार्यकाल में नि:शुल्क बिजली-पानी व महिलाओं को नि:शुल्क बस यात्रा की सुविधा देने के साथ ही शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा में सुधार के बल पर सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है। अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए महिलाओं को प्रतिमाह 2100 रुपये देने सहित उसने विभिन्न वर्गों के लिए कई गारंटियों की घोषणा भी की है।

    आप के आठ विधायक बीजेपी में हुए शामिल

    इसके जवाब में भाजपा व कांग्रेस ने भी महिलाओं को 2500 रुपये देने सहित बुजुर्गों, युवाओं व अन्य वर्गों से कई वादे कर दिए हैं। चुनाव से कुछ दिन पहले विधायकों के बागी होने के कारण भी आप की परेशानी बढ़ सकती है। आप के आठ विधायक व छह पार्षद पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं।

    इस स्थिति में पार्टी के सामने अपने कार्यकर्ताओं को जोड़कर रखने की चुनौती है। पिछले दिनों यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ने से नया विवाद शुरू हो गया है। केजरीवाल ने हरियाणा और भाजपा पर यमुना के पानी में जहर मिलाने का आरोप लगा दिया।

    चुनाव आयोग से शिकायत की

    लेकिन, इसपर भाजपा नेताओं ने आक्रामक तरीके से पलटवार किया और चुनाव आयोग से शिकायत की। साथ ही, प्रधानमंत्री से लेकर अन्य नेता इस आरोप को लेकर आप को घेरने में जुट गए। उन्होंने इसे दिल्ली व हरियाण के लोगों के बीच के संबंध से जोड़ दिया।

    इस विवाद से हरियाणा के साथ लगते विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी समीकरण बदलने की संभावना जताई जा रही है। केंद्रीय बजट में 12 लाख रुपये तक की आय पर आयकर में छूट की घोषणा का भी दिल्ली के चुनाव पर असर पड़ सकता है।

    यही कारण है कि प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा के बड़े नेता और प्रत्याशी भी इसे चुनावी मंच से उठाकर दावा करते रहे कि सिर्फ भाजपा ही मध्य वर्ग का ध्यान रखती है। पिछले विधानसभा चुनावों में मध्य वर्ग को साधने में असफल रही भाजपा को इससे उम्मीद जगी है। आप भी मध्य वर्ग का मुद्दा उठाकर उन्हें अपने साथ जोड़े रखना चाहती है।

    पिछले दिनों केजरीवाल ने मध्य वर्ग के लिए अलग से घोषणा पत्र जारी कर केंद्र सरकार के सामने आयकर में छूट सहित उनके लिए कई अन्य मांगें रखी थीं। आप नेता यह दावा कर रहे हैं कि उनके दबाव के कारण केंद्र सरकार को यह निर्णय करना पड़ा है।

    भ्रष्टाचार व शीशमहल का मुद्दा उठाया

    देर से ही सही, लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा सहित अन्य बड़े नेता अपने प्रत्याशियों के प्रचार के लिए चुनावी रण में उतरे। राहुल व प्रियंका ने अपनी चुनावी सभाओं में केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार पर तीखे हमले किए। दोनों ने आप सरकार पर लगे भ्रष्टाचार व शीशमहल का मुद्दा उठाया।

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    इसके साथ ही केंद्र की आप सरकार पर महंगाई व बेरोजगारी बढ़ाने का भी आरोप लगाया। इनके प्रचार में उतरने से कांग्रेस प्रत्याशियों व कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ा है। उन्हें पिछले दो विधानसभा चुनावों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद बंधी है।

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