जंगपुरा के डाॅक्टर पाल हत्याकांड में मास्टरमाइंड समेत दो आरोपी गिरफ्तार, नेपाल सीमा से पुलिस ने दबोचा
दिल्ली के जंगपुरा में डॉक्टर पाल हत्याकांड में क्राइम ब्रांच ने मास्टरमाइंड समेत दो आरोपियों को नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया। आरोपियों ने डकैती के दौरान डॉक्टर की हत्या कर दी थी। घरेलू सहायिका की मुखबिरी पर वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस पहले ही चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। सीसीटीवी फुटेज से मिले सुराग के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी हुई।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जंगपुरा के डाॅक्टर पाल हत्याकांड मामले में क्राइम ब्रांच ने मास्टरमाइंड समेत दो आरोपित को नेपाल के दुधवा राष्ट्रीय उद्यान और धनगढ़ी सीमा के पास से गिरफ्तार कर लिया है। दोनों पर दिल्ली पुलिस से 50-50 हजार का इनाम था। 10 मई 2024 की शाम जंगपुरा एक्सटेंशन में रहने वाले 63 वर्षीय जनरन फिजिशियन डाॅक्टर योगेश चंद्र पाल के घर में घुसकर आरोपितों ने डकैती के दौरान उनकी बेरहमी से हत्या कर दी थी। नेपाल मूल की युवती को घरेलू सहायिका रखवा कर मास्टरमाइंड ने उसकी मुखबिरी पर साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। मामले में घरेलू सहायिका समेत चार आरोपित को पुलिस पहले गिरफ्तार कर चुकी है।
सीसीटीवी फुटेज ने दिए सुराग
डीसीपी हर्ष इंदौरा के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम पंकज नरजारी (असम) और प्रेम बहादुर नेपाली (नेपाल, मास्टरमाइंड) है। 10 मई 2024 की शाम पुलिस को सूचना मिली कि जंगपुरा एक्सटेंशन में डाॅक्टर योगेश चंद्र पाल की उनके घर की रसोई में हत्या कर दी गई। हत्या के बाद लूटपाट भी की गई। हजरत निजामुद्दीन थाना पुलिस को सीसीटीवी फुटेज से कई आरोपितों के शामिल होने का पता चला।
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नेपाल सीमा के पास से पकड़ लिया
जांच में घरेलू सहायिका की भी संलिप्तता पता का पता चला। जिसके बाद पुलिस ने घरेलू सहायिका बसंती समेत हिमांशु, आकाश व विष्णुस्वरूप को गिरफ्तार कर लिया। भीम और वर्षा अभी भी फरार हैं। प्रेम बहादुर नेपाली व पंकज नरजारी लंबे समय तक फरार रहे क्योंकि उन्होंने साथियाें से अपनी असली पहचान छिपाई थी।
नेपाल सीमा के पास से दबोचा
कुछ समय पहले एसीपी अशोक शर्मा व इंस्पेक्टर पंकज ठकरान को इन्हें पकड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई। जिसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने पंकज नरजारी (असम) और प्रेम बहादुर नेपाली की तलाश में बिहार और उत्तर प्रदेश में कई छापे मारे गए। अंततः करीब 3000 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद दोनों को नेपाल सीमा के पास से पकड़ लिया गया।
पूछताछ में इन्होंने बताया कि विष्णुस्वरूप व अन्य के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देने की बात कुबूली। कुछ समय पहले विष्णुस्वरूप, प्रेम बहादुर नेपाली के संपर्क में आया था, जो अलग गिरोह चलाता है।
डकैती की योजना बनाई और...
बसंती ने घर में भारी मात्रा में नकदी और सोने के आभूषण की जानकारी भीम की पत्नी वर्षा रावत को दी थी। यह जानकारी विष्णुस्वरूप तक पहुंची थी, जिसके बाद उसने अपने साथियों हिमांशु और आकाश के साथ डकैती की योजना बनाई और अतिरिक्त लोगों के लिए प्रेम बहादुर को शामिल किया था। प्रेम बहादुर ने पंकज नरजारी को शामिल कर लिया था।
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आभूषण लूटकर सभी फरार
आरोपितों ने पहले घर, क्लिनिक और डक्टर नीना पाल (पीड़ित की पत्नी) की दिनचर्या की रेकी की थी। 10 मई 2024 को जब डाॅक्टर पाल घर लौटे और उनकी पत्नी तभी काम पर थीं तभी पंकज नरजारी और अन्य लोग जबरन घर में घुस आए थे। उन्होंने डाॅक्टर पाल को पकड़कर बंधक बनाने के बाद गला घोंट कर हत्या कर दी थी। उसके बाद नकदी व आभूषण लूटकर सभी फरार हो गए थे।
घरों में सेंधमारी करने का गिरोह बनाया
पुलिस का कहना है कि वारदात में शामिल अधिकांश आरोपित नेपाली मूल के हैं। उन्होंने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली आदि राज्यों में घरों में सेंधमारी करने का गिरोह बना रखा है। वे नकदी, आभूषण और पारिवारिक जानकारी इकट्ठा करने के लिए नेपाली महिलाओं को घरों में नौकरानियों के रूप में नियुक्त करते हैं। उनके मुख्य लक्ष्य अकेले रहने वाले वरिष्ठ नागरिक होते हैं।
डकैती करने के बाद वे भारत छोड़कर नेपाल में छिप जाते हैं। पंकज नरजारी ने 2016 में मायापुरी में एक डकैती की थी, उस मामले में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। 2022 में वह जमानत पर रिहा हुआ। जेल में उसकी मुलाकात प्रेम बहादुर से हुई थी। प्रेम बहादुर नेपाली के खिलाफ छह मामले दर्ज हैं।
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