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    HC ने कहा- 80 वर्षीय महिला के केस में देरी स्वीकार नहीं, 30 वर्ष से लंबित है मुकदमा, जानें कब आएगा आदेश

    Updated: Sun, 03 Aug 2025 03:50 PM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने 30 साल पुराने एक मामले में निचली अदालत को 80 वर्षीय महिला के किराया विवाद को तीन महीने में निपटाने का आदेश दिया है। अदालत ने मामले में देरी पर नाराजगी जताई और इसे न्यायिक तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल बताया। महिला ने 1995 में मुकदमा दायर किया था जो अभी तक लंबित है।

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    30 वर्ष से लंबित मुकदमे का निपटारा तीन माह में करने का निर्देश

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कोर्ट में न्याय मिलने में देरी के तो आप सबने कई किस्से सुने होंगे। मगर यहां पर देरी से न्याय देने वाले लोअर कोर्ट को आदेश दिया गया है। दरअसल, न्याय मिलने में हुई 30 वर्ष की देरी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताते हुए निचली अदालत को सख्त निर्देश दिए हैं कि वह एक 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला के किराया विवाद से जुड़े दीवानी मामले का निपटारा तीन माह के भीतर करे। अदालत ने कहा कि यह देरी न केवल अस्वीकार्य है बल्कि पूरे न्यायिक तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है।

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    निर्णय हर हाल में तीन माह के अंदर दें

    न्यायमूर्ति मनोज जैन की एकल पीठ ने कहा कि वर्ष 1995 में दाखिल हुआ यह मुकदमा अब तक लंबित है और याचिकाकर्ता की उम्र को देखते हुए इसे सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए थी। अदालत ने साफ किया कि अगली सुनवाई की तारीख 27 सितंबर के बाद मामले का निर्णय हर हाल में तीन माह के अंदर दे दिया जाए।

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    प्रतिवादी पक्ष की दलीलें अब भी जारी

    यह मामला तब शुरू हुआ जब महिला ने वर्ष 1995 में, 50 वर्ष की उम्र में किरायेदार से संपत्ति खाली कराने और क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर निचली अदालत में दीवानी मुकदमा दायर किया था। मगर मामला लगातार तारीखों में ही उलझता गया और अब तक अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।

    महिला ने हाईकोर्ट में बताया कि उसकी ओर से अंतिम बहस पूरी हो चुकी है, लेकिन प्रतिवादी पक्ष की दलीलें अब भी जारी हैं।

    महिला ने पहले भी अपने केस को प्राथमिक सुनवाई के दायरे में लाने की गुहार निचली अदालत में लगाई थी, लेकिन अदालत ने मुकदमों के भारी बोझ का हवाला देते हुए यह मांग ठुकरा दी।

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