Delhi: विजय विहार में अपहरण और हत्या के मामले में भगोड़ा घोषित बदमाश गिरफ्तार, 65 आपराधिक मामलों में है शामिल
Delhi Crime News विजय विहार थाना क्षेत्र में 10 मई 2010 को राकेश उर्फ साहिल दीपक उर्फ मुन्ना राकेश राय रेणु और मोनू ने विजय विहार निवासी दिलीप का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी। जांच के बाद पुलिस ने सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पूछताछ से पता चला कि दिलीप और रेनू के बीच दोस्ती थी।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। विजय विहार थाना क्षेत्र में दिलीप नामक युवक का अपहरण कर हत्या कर देने के मामले में शामिल मोनू उर्फ रोहित को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है।
हत्या इसलिए की गई थी क्योंकि दिलीप, वारदात में शामिल एक मुख्य आरोपित की प्रेमिका से शादी करना चाह रहा था, जिससे नाराज होकर उसने साथियों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी थी। मोनू के खिलाफ दिल्ली के विभिन्न थानों में 65 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
जमानत पर बाहर आने के बाद नहीं किया जेल में समर्पण
विशेष आयुक्त क्राइम ब्रांच रवींद्र सिंह यादव के मुताबिक मोनू, सुल्तानपुरी का रहने वाला है। घटना 2010 की है। विजय विहार थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जमानत पर बाहर आने के बाद उसने जेल में समर्पण नहीं किया। जिससे कोर्ट ने उसे भगाेड़ा घोषित कर दिया था।
दिलीप और रेनू के बीच थी पक्की दोस्ती
10 मई 2010 को राकेश उर्फ साहिल, दीपक उर्फ मुन्ना, राकेश राय, रेणु और मोनू ने विजय विहार निवासी दिलीप का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी। जांच के बाद पुलिस ने सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पूछताछ से पता चला कि दिलीप और रेनू के बीच दोस्ती थी।
दोनों केनरा बैंक में काम करते थे। रेनू का राकेश उर्फ साहिल के साथ भी प्रेम संबंध था। दिलीप, रेनू से शादी करना चाह रहा था, जिससे राकेश नाराज था और उसने अपने साथियों के साथ मिलकर दिलीप का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी।
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हवलदार पवन को सूचना मिली कि फरार आरोपित मोनू बापरोला में एक घर में छिपा हुआ है। वहां से उसे पकड़ा जा सकता है। डीसीपी सतीश कुमार, एसीपी यशपाल सिंह व इंस्पेक्टर पवन सिंह के नेतृत्व में एसआइ अनुज, रविंदर सिंह, विशाल, एएसआइ रवींद्र, मोहन, हवलदार रवींद्र, अश्विनी व सिपाही सोहित की टीम ने उसे बापरोला के गिरफ्तार कर लिया।
अपनी दुकान में बेचता था चोरी के कपड़े
पूछताछ में मोनू ने हत्या के मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। उसका भाई दीपक भी घोषित अपराधी है। उसके खिलाफ सब्जी मंडी थाने में कई मामले दर्ज हैं। इसकी कपड़ों की दो दुकानें है। वह मुख्य रूप से कपड़ों की दुकानों में चोरी करता है और चोरी के कपड़े अपनी दुकान में बेचता है।
दीपक अपने भाई मोनू के साथ अपराध की दुनिया में शामिल हुआ था। मोनू, सुल्तानपुरी का रहने वाला है। वह नशे का आदी है। नशे के खर्चों को पूरा करने के लिए उसने अपराध करना शुरू किया। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह बार बार अपने ठिकाने बदल रहा था।
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