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    युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के आरोपित ISIS सदस्य की जमानत याचिका खारिज, कर रहा था युवाओं को भर्ती

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 12:26 PM (IST)

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईएस संगठन के सदस्य मोहम्मद रिजवान अशरफ की जमानत याचिका खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री के अनुसार अशरफ आईएस की विचारधारा का प्रचार कर रहा था और युवाओं की भर्ती करने की कोशिश कर रहा था। उसे यूएपीए मामले में गिरफ्तार किया गया था और उसकी हिरासत बढ़ाने के आदेश को चुनौती दी गई थी।

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    युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के आरोपित आइएस सदस्य की जमानत याचिका खारिज

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। इस्लामिक स्टेट (आईएस) संगठन के सदस्य और चरमपंथी समूहों के लिए हथियार, गोला-बारुद उपलब्ध कराने के साथ ही युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के आरोपित मोहम्मद रिजवान अशरफ को जमानत देने से दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत देने से इन्कार कर दिया। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद व न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने आरोपित की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा रिकाॅर्ड में मौजूद सामग्री से पता चलता है कि अशरफ सहित तीनों आरोपित आइएस के सक्रिय सदस्य हैं और आइएस की विचारधारा का प्रचार कर रहे थे।

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    यूएपीए मामले में गिरफ्तार किया गया

    पीठ ने कहा कि इसके अलावा आरोपित आईएस के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं की भर्ती करने की भी कोशिश कर रहे थे। अदालत ने कहा कि भारत के अलावा, अन्य देशों में भी साजिश रची जा रही थी और अशरफ के पास से विस्फोटक सामग्री जब्त की गई थी।

    उक्त टिप्पणी के साथ अदालत ने आरोपित की जमानत याचिका खारिज कर दी। आरोपित मोहम्मद रिजवान अशरफ को एक अक्टूबर 2023 को यूएपीए मामले में गिरफ्तार किया गया था। अशरफ़ ने कई मौकों पर अपनी हिरासत बढ़ाने के ट्रायल कोर्ट के आदेशों को चुनौती दी थी।

    24 फरवरी 2024 को ट्रायल कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत 25 दिनों के लिए बढ़ा दी। उसी दिन उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई।

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    एनआईए पर उठाये सवाल

    अशरफ के वकील ने तर्क दिया था कि ट्रायल कोर्ट का निर्णय लापरवाहीपूर्ण है और इनमें उनकी भूमिका का कोई व्यक्तिगत आकलन नहीं किया गया था। यह भी तर्क दिया गया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) यह साबित करने में विफल रही कि जांच के लिए अशरफ की निरंतर हिरासत क्यों जरूरी थी।

    हालांकि, पीठ ने कहा क लोक अभियोजक की रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि जिस समय अशरफ की हिरासत बढ़ाने की मांग की गई थी, उस समय दिन-प्रतिदिन के आधार पर जांच चल रही थी और एनआइए महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्र करने के लिए प्रयास कर रही थी।

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