Lockdown: दिल्ली-NCR के 95 फीसद रेस्तरां में किचन बंद, नहीं पहुंच रहा ऑर्डर किया हुआ खाना
Coronavirus एक रेस्तरां संचालक के मुताबिक ऑर्डर भी नाम मात्र के आ रहे थे। इसलिए बंद करने में ही भलाई लगी।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। कोरोना वायरस ने रेस्तरां संचालकों और खाना खाने वालों के सामने अजीब स्थिति पैदा कर दी है। लॉक डाउन के बीच राज्य सरकारों ने घोषणा की है कि रेस्तरां बंद के दायरे से बाहर रहेंगे और यहां खाना ले जाने के लिए उपलब्ध रहेगा। इसी तरह खाने की होम डिलीवरी भी जारी रहेगी। लेकिन दो दिनों में मामला इसका ठीक उल्टा दिखाई दे रहा है। रेस्तरां खुलना तो दूर ऑर्डर का खाना भी घर नहीं पहुंच रहा है। इससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। हालत यह कि दिल्ली-एनसीआर के 95 फीसद रेस्तरां व उसके किचन बंद हैं। रेस्तरां संचालकों के मुताबिक बंद का फैसला रेस्तरां में काम करने वाले कर्मचारियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर किया गया है।
एक रेस्तरां संचालक के मुताबिक, ऑर्डर भी नाम मात्र के आ रहे थे। इसलिए बंद करने में ही भलाई लगी। हालांकि, रेस्तरां बंद रखने से इसके संचालकों को भी भारी नुकसान हो रहा है। नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआइ) की मार्केटिंग व कम्युनिकेशन मैनेजर नेहा ग्रोवर के मुताबिक अधिकतर रेस्तरां किराये की जगह पर चलते हैं। उसमें मोटा निवेश होता है। इसके अलावा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व भारी भरकम लाइसेंस शुल्क हैं। कर्मचारियों के वेतन का भुगतान भी बड़ा सवाल है।
ऐसे में राहत की उम्मीद के साथ एनआरएआइ ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भी लिखा है। दरियागंज स्थित जायका रेस्टोरेंट के मालिक दानिश इकबाल ने कहा कि लॉक डाउन की वजह से रेस्तरां में ग्राहक कम आ रहे थे। होम डिलीवरी की मांग भी कम थी। इसलिए उन्होंने रेस्तरां बंद करने का फैसला किया। इस स्थिति के कारण जोमैटो व स्विगी जैसी होम डिलीवरी वाली कंपनियों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस बारे में स्विगी की प्रवक्ता ने कहा कि मॉल समेत अन्य स्थानों पर रेस्तरां के बंद करने की वजह से आपूर्ति में काफी परेशानी आ रही है। जोमेटो की प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी को अभूतपूर्व समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
ई- कॉमर्स पर अभूतपूर्व मांग, आपूर्ति नहीं कर पा रही कंपनियां
लॉक डाउन के दौरान ऑर्डर को पूरा करने में ई-कॉमर्स कंपनियां भी हांफने लगी है। बाजार बंद होने की वजह से लोगों ने ई-कॉमर्स का रुख किया है। इस कारण ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर सामानों की मांग में कई गुना बढ़ोतरी आई है। ऐसे में अमेजन व फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां समय पर मांग को पूरा नहीं कर पा रही है। यहां तक कि आर्डर भी नहीं लिए जा रहे हैं। अमेजन की प्रवक्ता ने बताया कि हम आटा, दाल व चावल जैसे जरूरी सामानों के साथ सब्जी व फल की आपूर्ति पर पूरा जोर दे रहे हैं। इसे लेकर अमेजन ने अपनी वेबसाइट पर बयान भी जारी किया है कि लोग गैर जरूरी चीजों का ऑर्डर न करें।
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