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    शून्य से आधुनिक गणित तक CBSE तैयार करेगा मोनोग्राफ, संस्कृति के साथ देगा मॉडर्न ग्लोबल नॉलेज

    Updated: Mon, 11 Aug 2025 04:31 PM (IST)

    सीबीएसई ने भारतीय गणितीय परंपरा और योगदान पर एक विस्तृत मोनोग्राफ तैयार करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार यह मोनोग्राफ भारत की ज्ञान परंपराओं को पाठ्यक्रम में एकीकृत करेगा। यह विद्यार्थियों शिक्षकों शोधकर्ताओं और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वालों के लिए उपयोगी होगा और डिजिटल व प्रिंट में उपलब्ध होगा।

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    शून्य से आधुनिक गणित तक सीबीएसई तैयार करेगा मोनोग्राफ

    रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली। सीबीएसई ने भारतीय गणितीय परंपरा और योगदान पर विस्तृत मोनोग्राफ तैयार करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)- 2020 के उस उद्देश्य से जुड़ी है, जिसमें भारत की ज्ञान परंपराओं को पाठ्यक्रम में एकीकृत करने, सांस्कृतिक रूप से जोड़ने, साथ ही वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक शिक्षण सामग्री विकसित करने पर जोर दिया गया है।

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    गवर्निंग बाॅडी ने सर्वसम्मति से मंजूरी दी

    इस बाबत सीबीएसई अधिकारियों ने कहा कि यह मोनोग्राफ न केवल विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए उपयोगी होगा, बल्कि शोधकर्ताओं और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वालों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदर्भ सामग्री सिद्ध होगा। पाठ्यक्रम समिति की सिफारिशों को सीबीएसई गवर्निंग बाॅडी ने सर्वसम्मति से मंजूरी देते हुए समिति गठन, एजेंसी नियुक्ति और आवश्यक खर्च के अनुमोदन को भी हरी झंडी दे दी।

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    हर क्षेत्र के विशेषज्ञ होंगे समिति में

    अधिकारियों के अनुसार, मोनोग्राफ तैयार करने के लिए इतिहासकारों, संस्कृत विद्वानों, गणित शिक्षाविदों और अकादमिक विशेषज्ञों की एक सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा।

    यह समिति सामग्री की प्रामाणिकता और गुणवत्ता सुनिश्चित करेगी। मोनोग्राफ का निर्माण एक शैक्षणिक साझेदार या एजेंसी के माध्यम से किया जाएगा, जिसे पारदर्शी प्रक्रिया से चुना जाएगा।

    मोनोग्राफ डिजिटल और प्रिंट, दोनों स्वरूपों में उपलब्ध होगा, ताकि यह अधिक से अधिक पाठकों और विद्यार्थियों तक पहुंच सके।

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    विज्ञान पर भी सुझाव

    बैठक में सुझाव दिया गया कि विज्ञान विषय पर भी इसी तरह का मोनोग्राफ तैयार किया जाए, जिसमें भारत के वैज्ञानिक योगदान, खोजों और शोध कार्यों का व्यापक संकलन हो। इस प्रस्ताव पर बोर्ड की स्वीकृति मिलने के बाद कार्य आगे बढ़ाया जाएगा।

    क्या होगा मोनोग्राफ में?

    भारतीय गणित परंपरा : भारत का गणित में योगदान शीर्षक से तैयार होने वाला यह 150-175 पन्नों का मोनोग्राफ प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारत की प्रमुख गणितीय खोजों और नवाचारों को दस्तावेज के रूप में पेश करेगा। इसमें प्रमुख विद्वानों, विचारधाराओं और ग्रंथों को शामिल किया जाएगा।

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    गणित के इतिहास के तीन प्रमुख कालखंडों को करेंगे शामिल

    • प्राचीन काल में वेदों के साथ आर्यभट्ट के आर्यभटीय, ब्रह्मगुप्त के ब्रह्मस्फुट सिद्धांत और भास्कराचार्य की लीलावती जैसे ग्रंथों को शामिल किया जाएगा।
    • मध्यकालीन काल में केरल स्कूल आफ मैथमेटिक्स के योगदान, ज्योतिष और खगोल गणना की प्रगति व समुद्री व्यापार में गणित के प्रयोग का उल्लेख होगा।
    • आधुनिक काल में स्वतंत्रता से पूर्व और बाद के भारतीय गणितज्ञों की उपलब्धियों, आधुनिक शोध और नवाचारों को स्थान मिलेगा।
    • मोनोग्राफ में मूल संस्कृत श्लोकों के साथ उनके अनुवाद और प्रमाणिक स्रोतों का उल्लेख होगा। साथ ही, खगोल विज्ञान, वास्तुकला, वाणिज्य और शिक्षा में भारतीय गणित के अनुप्रयोग के उदाहरण भी दिए जाएंगे।
    • विद्यार्थियों की रुचि बढ़ाने के लिए इसमें जीवन परिचय, समयरेखाएं और चित्रात्मक उदाहरण भी शामिल होंगे।

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