सीबीएसई जल्द शुरू करेगा अपना कम्युनिटी रेडियो स्टेशन, छात्रों और शिक्षकों को होगा विशेष लाभ
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) जल्द ही छात्रों और शिक्षकों के लिए कम्युनिटी रेडियो स्टेशन शुरू करेगा। बोर्ड ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा। सीबीएसई पहले से ही शिक्षा वाणी नामक पॉडकास्ट चला रहा है। कम्युनिटी रेडियो का उद्देश्य स्थानीय समुदाय को स्वास्थ्य शिक्षा जैसे मुद्दों पर मंच प्रदान करना है। वर्तमान में देश में 540 कम्युनिटी रेडियो स्टेशन संचालित हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) जल्द ही छात्रों, शिक्षकों और अन्य हितधारकों के लिए विशेष रूप से अपना कम्युनिटी रेडियो स्टेशन शुरू करने जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, इस प्रस्ताव को हाल ही में बोर्ड की गवर्निंग बॉडी की बैठक में मंजूरी दी गई है, जिसमें लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदन आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
एक वरिष्ठ सीबीएसई अधिकारी ने बताया, “कम्युनिटी रेडियो स्टेशन स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। अगले छह महीनों में हितधारकों और विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श बैठकें आयोजित की जाएंगी, ताकि कम्युनिटी रेडियो लाइसेंस के लिए विस्तृत आवेदन तैयार और जमा किया जा सके।”
अधिकारी ने यह भी कहा कि इसके वित्तीय पहलुओं का आकलन भी किया जाएगा। सीबीएसई पहले से ही ‘शिक्षा वाणी’ नामक पाडकास्ट चलाता है, जो कक्षा 9 से 12 तक के विभिन्न विषयों पर एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के अनुरूप आडियो सामग्री उपलब्ध कराता है। यह एप एंड्रायड फोन के लिए गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है और अब तक लगभग 400 आडियो सामग्री अपलोड की जा चुकी है।
अधिकारियों के मुताबिक, कम्युनिटी रेडियो स्टेशन के लिए सामग्री का प्रारूप लाइसेंस मिलने के बाद तय किया जाएगा। कम्युनिटी रेडियो प्रसारण का तीसरा महत्वपूर्ण स्तर है, जो सार्वजनिक सेवा रेडियो और वाणिज्यिक रेडियो से अलग होता है। यह कम शक्ति वाले प्रसारण केंद्र होते हैं, जिन्हें स्थानीय समुदाय द्वारा स्थापित और संचालित किया जाता है। इनका उद्देश्य स्थानीय समुदाय, विशेषकर वंचित वर्गों की आवाज़ को स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि जैसे मुद्दों पर मंच देना है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में वर्तमान में 540 स्वीकृत कम्युनिटी रेडियो स्टेशन संचालित हो रहे हैं, जिन्हें गैर-लाभकारी संस्थाएं जैसे शैक्षणिक संस्थान, गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) और सोसाइटीज़ चलाते हैं। भारत सरकार विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज़ क्षेत्रों में कम्युनिटी रेडियो को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं और पहल चला रही है।
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