दिल्ली के RML अस्पताल में वसूली रैकेट: मरीजों से उगाही, उपकरण बेचकर करते कमाई, दो डॉक्टर समेत नौ लोग गिरफ्तार
सीबीआई (CBI) ने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल (RML Hospital Delhi) में वसूली रैकेट चला रहे गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एजेंसी ने दो डॉक्टर्स समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। रैकेट अस्पताल में आने वाले मरीजों से सुविधा शुल्क के नाम पर धन उगाही भी करते थे। गिरफ्तार डॉक्टर्स में से एक के पास से मरीजों से वसूले गए ढाई लाख रुपये बरामद किए गए हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल (RML Hospital Delhi) में चिकित्सा उपकरणों की खरीद में कमीशन लेने से लेकर चौतरफा भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलने पर सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने दो वरिष्ठ डॉक्टर सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई को इनके भ्रष्टाचार में संलिप्त होने की शिकायतें मिली थी।
इसके बाद सुबूत जुटाने के बाद कार्रवाई की गई। आरएमएल के जिन दो डॉक्टर्स को गिरफ्तार किया गया है, उनमें कार्डियोलॉजी विभाग के डा. पर्वतगौड़ा और डॉ. अजय राज शामिल हैं।
चिकित्सा उपकरण को करते सप्लाई, मरीजों से भी वसूली
इन पर खुलेआम रिश्वत लेने की सीबीआई को शिकायत मिली थी। ये सभी अस्पताल में जरूरी चिकित्सा उपकरणों की सप्लाई करने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों के जरिये प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से वसूली कर रहे थे। रैकेट में शामिल स्वास्थ्यकर्मी मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए भी पैसे वसूल रहे थे।
15 ठिकानों पर की गई छापामारी
सीबीआई ने सात मई को भ्रष्टाचार समेत आपराधिक साजिश रचने की धाराओं में एफआईआर की थी। एफआईआर में फिलहाल 16 डॉक्टर्स, चिकित्सा उपकरण बेचने वाले डीलरों, अस्पताल के नर्सिंग कर्मचारी व अन्य को आरोपित बनाया गया है। डॉक्टर्स और चिकित्सा उपकरणों से जुड़े डीलर्स के 15 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। सभी नौ आरोपितों को कोर्ट में पेश कर सीबीआई को छह दिन की कस्टडी रिमांड मिल गई है।
ढाई लाख रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, आरएमएल अस्पताल के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर पर्वतगौड़ा को ढाई लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। रिश्वत का यह पैसा उन्हें यूपीआई के माध्यम से मिला था। इसके अलावा अस्पताल की कैथ लैब में सीनियर टेक्निकल इंचार्ज रजनीश कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है।
ये लोग हुए गिरफ्तार
कार्डियोलॉजी विभाग में प्रोफेसर डॉक्टर अजय राज, नर्स शालू शर्मा, अस्पताल के क्लर्क भुवल जैसवाल और संजय कुमार गुप्ता समेत पांच अन्य को भी अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया गया, जिनमें चार अलग-अलग इक्यूपमेंट सप्लाई करने वाली कंपनी में काम करते हैं। सीबीआई को कार्डियोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. पर्वतगौड़ा और प्रोफेसर डॉक्टर अजय राज के चिकित्सा उपकरण बनाने व सप्लाई करने वाली कंपनियों से रिश्वत लेने की शिकायत मिली थी।
इनसे वर्षों से ली जा रही थी रिश्वत
डॉक्टर्स नागपाल टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के मालिक नरेश नागपाल, साइनमेड प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अबरार अहमद, बायोट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के टेरिटरी सेल्स मैनेजर आकर्षण गुलाटी, बायोट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड की कर्मचारी मोनिका सिन्हा, भारती मेडिकल टेक्नोलॉजी के भरत सिंह दलाल व आरएमएल अस्पताल स्थित कैथ लैब के वरिष्ठ तकनीकी प्रभारी रजनीश कुमार मेडिकल उपकरणों के इस्तेमाल की अनुमति देने के लिए वर्षों से रिश्वत ले रहे थे।
खुलेआम ले रहे थे रिश्वत
पर्वतगौड़ा और अजय राज, चिकित्सा उपकरण बनाने व सप्लाई करने वाली कंपनियों के कर्मचारियों के साथ मिलकर खुलेआम रिश्वत ले रहे थे। नागपाल टेक्नोलाजीज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक नरेश नागपाल मरीजों पर की जाने वाली चिकित्सा प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की आपूर्ति भी करता है। ऐसे उपकरणों का इस्तेमाल करने के लिए पर्वतगौडा, नरेश नागपाल से नियमित रूप से रिश्वत ले रहे थे।
बीते दो मई को भी पर्वतगौड़ा ने नागपाल से चिकित्सा उपकरणों के इस्तेमाल के लिए रिश्वत की मांग की थी। इस पर उन्हें आश्वासन दिया गया था कि रकम सात मई को अस्पताल में पहुंचा दी जाएगी।
भ्रष्टाचार में पांच तरह के मॉड्यूल
सीबीआई का कहना है कि भ्रष्टाचार में पांच तरह के मॉड्यूल लिप्त थे। किसी मरीज को इंस्टेंट आदि उपकरण जरूरत होने पर अस्पताल के डॉक्टर व उनके कर्मचारी मरीजों को खास कंपनी के उपकरण खरीदने के लिए दबाव बनाने थे। इतना ही नहीं ये लोग कंपनी के डीलर का मोबाइल नंबर उपलब्ध करवा उन्हें काल कर संपर्क करने को कहते थे। आरएमएल अस्पताल में चौतरफा भ्रष्टाचार का खेल लंबे समय से चल रहा था। गिरफ्तार नौ आरोपितों से पूछताछ के बाद सीबीआई इस मामले में कई अन्य को गिरफ्तार करेगी।
दिल्ली के अस्पतालों में सनसनी
आरएमएल के दो वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञों समेत अन्य की रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के मामले ने दिल्ली के अन्य सरकारी अस्पतालों में सनसनी फैला दी है। भारती मेडिकल टेक्नोलॉजी के भरत सिंह दलाल ने यूपीआई का उपयोग करके डॉक्टर अजय राज को दो बार रिश्वत दी थी। अबरार अहमद ने कैथ लैब को रिश्वत दी थी। जांच एजेंसी के मुताबिक भुवाल जायसवाल ने डाक्टरों के साथ नियुक्तियां तय करने के लिए भी रिश्वत ली, जबकि संजय कुमार ने फर्जी मेडिकल प्रमाणपत्रों के लिए रिश्वत ली।
हाल के वर्षों में डॉक्टर्स और मेडिकल सप्लायर्स के बीच सांठगांठ के खिलाफ यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। सीबीआई ने पिछले साल सफदरजंग अस्पताल के न्यूरोसर्जन मनीष रावत को मेडिकल आपूर्तिकर्ताओं से रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
एफआईआर में सीबीआई ने इन्हें बनाया है आरोपित
- डॉक्टर पर्वतगौड़ा, सहायक प्रोफेसर, कार्डियोलॉजी विभाग, आरएमएल अस्पताल।
- डॉक्टर अजय राज, प्रोफेसर, कार्डियोलॉजी विभाग, आरएमएल अस्पताल।
- रजनीश कुमार सीनियर टेक्निकल इंचार्ज, कैथ लैब, आरएमएल अस्पताल।
- भुवाल जयसवाल, आरएमएल अस्पताल में क्लर्क।
- शालू शर्मा आरएमएल अस्पताल में नर्स।
- संजय कुमार गुप्ता,आरएमएल अस्पताल में क्लर्क।
- नरेश नागपाल, नागपाल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक ।
- मेसर्स भारती मेडिकल टेक्नोलॉजी के भरत सिंह दलाल।
- अबरार अहमद, मैसर्स साइंटमेड प्रावइेट निदेश्क।
- आकर्षण गुलाटी, टेरिटरी सेल्स मैनेजर, मेसर्स बायोट्रानिक्स प्राइवेट लिमिटेड।
- मोनिका सिन्हा, मिस बायोट्रानिक्स प्राइवेट लिमिटेड की कर्मचारी।
- नागपाल टेक्नालॉजीज, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के 104 मेहरचंद मार्केट दिल्ली और 52 मेहरचंद मार्केट दिल्ली में कार्यालय हैं।
- मेसर्स भारती मेडिकल टेक्नोलॉजी, द्वितीय तल, 27 क्रोस रीवर मॉल, प्लॉट नंबर नौबी, 3 डिवीजन, सीबीएसई, विश्वास नगर, शाहदरा।
- मेसर्स साइनमेड प्राइवेट लिमिटेड, 216, द्वितीय तल, लिविंग स्टाइल मॉल, जसोला।
- मैसर्स बायोट्रॉनिक्स प्रा. लिमिटेड, यूनिट नंबर 805 807, डीएलएफ ट्यूवर बी, डिस्ट्रिक्ट सेंटर जसोला,
- अन्य अज्ञात सरकारी सेवकों व निजी व्यक्ति।