Sukesh Chandrashekhar : सुकेश चंद्रशेखर के 82 जेल अधिकारियों से संबंधों की होगी जांच, एलजी ने EOW को दी मंजूरी
Sukesh Chandrashekhar एलजी वीके सक्सेना ने ईओडब्ल्यू को इन जेल अधिकारियों के खिलाफ जांच करने की अनुमति दी है। दरअसल सुकेश महाठग का अवैध धंधा जेल के भीतर भी चल रहा है। इसके ऐवज में जेल के अधिकारियों पर हर महीने करीब डेढ़ करोड़ रुपये वसूलने का आरोप है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Sukesh Chandrashekhar :जेल कर्मचारियों एवं कैदियों के बीच चल रहे गठजोड़ को लेकर उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने सख्त रूख अपनाया है। 200 करोड़ रुपये की ठगी के आरोपी सुकेश चंद्रशेखर की मदद करने वाले 82 जेल कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का मामला चलाने की उन्होंने अनुमति दे दी है। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने गत जनवरी माह में इसके लिए तिहाड़ जेल प्रशासन को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार का मामला चलाने की अनुमति मांगी थी।
सुकेश ने 200 करोड़ रुपये की ठगी की
जानकारी के अनुसार रोहिणी जेल में बंद रहने के दौरान सुकेश चंद्रशेखर ने फोर्टिस के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र सिंह की पत्नी आदिति सिंह से 200 करोड़ रुपये की ठगी की थी। यह ठगी उसने अदिति सिंह के पति को जेल से बाहर निकलवाने के नाम पर की थी। इस मामले में जब स्पेशल सेल ने उसे गिरफ्तार किया तो उस समय वह जेल में दो मोबाइल इस्तेमाल कर रहा था। मामले की जांच के दौरान ईओडब्ल्यू के समक्ष सुकेश ने खुलासा किया था कि वह 1.30 करोड़ रुपये प्रत्येक महीने जेल कर्मचारियों और अधिकारियों को रिश्वत देता था।
82 जेल कर्मचारियों की सूची तैयार
इस खुलासे के बाद सात जेल अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार भी किया था। उन्होंने सुकेश से मिली जानकारी पर 82 जेल कर्मचारियों की सूची तैयार की थी जिन्हें सुकेश से मिलने वाली रकम से हिस्सा मिलता था। इन कर्मचारियों की सूची को उन्होंने तिहाड़ जेल प्रशासन को भेजकर उन पर भ्रष्टाचार के तहत कार्रवाई की अनुमति मांगी थी। जेल प्रशासन की तरफ से यह पत्र दिल्ली सरकार के गृह विभाग को भेजा गया और वहां से इसे उपराज्यपाल के पास भेजा गया था।
ईओडब्ल्यू ने किया मामला दर्ज
इस मामले में उपराज्यपाल ने अब आर्थिक अपराध शाखा को जेल कर्मचारियों एवं अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति दे दी है। यह कर्मचारी रोहिणी जेल संख्या 10 में तैनात थे जब ठगी को अंजाम दिया गया। जेल में सुकेश से रुपये लेकर उसे कई तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई जाती थी। इस घटना को लेकर ईओडब्ल्यू ने जबरन उगाही, ठगी, फर्जीवाड़ा, साजिश, मकोका और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर रखा है।
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