इंडिगो की ‘कम स्टाफ नीति’ उजागर: FDTL लागू होते ही रोस्टर सिस्टम ध्वस्त, पायलट कमी ने उड़ान संचालन बिगाड़ा
इंडिगो एयरलाइन की 'कम स्टाफ नीति' उजागर हुई है, जिसके चलते FDTL लागू होते ही रोस्टर सिस्टम चरमरा गया है। पायलटों की कमी के कारण उड़ान संचालन बुरी तरह ...और पढ़ें

गौतम कुमार मिश्रा, नई दिल्ली। लंबे समय तक एफडीटीएल (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) नियम को लेकर इंडिगो प्रबंधन के टालमटोल से भरे रवैये का असर इस नियम के पूरी तरह लागू होने के बाद साफ साफ तब दिखा जब इनका पूरा रोस्टर सिस्टम धराशायी हो गया। जानकारों का कहना है कि इंडिगो की अभी तक नीति रही कि इसे जितना हो सके टाला जाए। एफडीटीएल को लेकर हर बार मिले समय विस्तार के बीच इंडिगो को लगता था कि इस बार समय विस्तार मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
नियम लागू होने के बाद बजाय कुछ ठोस कदम उठाने के विमानन के बाजार में सबसे बड़ी हिस्सेदारी वाले इंडिगो ने यात्रियों को उनकी किस्मत पर छोड़ दिया। नतीजा यह हुआ कि उड़ान नियामक संस्था डीजीसीए दवाब में आई और इस बार एफडीटीएल को लेकर इंडिगो सहित तमाम एयरलाइंस को कुछ छूट मिल गई। जानकार इसे दबाव बनाने की रणनीति को नतीजा मानते हैं। नियमों में छूट के बाद साप्ताहिक आराम और रात्रि कालीन डयूटी के कुछ नियमों में अस्थायी राहत दी गई है, ताकि पायलटों को आराम मिले और उड़ानों की रद्द होने की समस्या कम हो सके, हालांकि पायलट यूनियनें सुरक्षा को लेकर चिंता जता रही हैं।
यह भी पढ़ें- इंडिगो संकट गहराया: बाजार में इंडिगो की हिस्सेदारी 64%, उड़ानें कम होते ही हवाई किराए में उछाल के मिल रहे संकेत
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स का कहना है कि इंडिगो को छोड़कर तमाम एयरलाइंस (एअर इंडिया, स्पाइसजेट, अकासा एयर आदि) ने पहले से ही पायलटों की पर्याप्त व्यवस्था कर ली, इसलिए उन्हें कोई खास दिक्कत नहीं आई।लेकिन इंडिगो के साथ दिक्कत अलग तरह की थी। पर्याप्त पायलट व क्रू के अन्य सदस्यों का इंतजाम तो दूर की बात इंडिगो बहुत कम स्टाफ रखने की नीति पर काम किया।
फेडरेशन ने तंज कसते हुए कहा कि इंडिगो प्रबंधन को पुअर पायलट्स फर्स्ट नहीं, बल्कि पीपल फर्स्ट की नीति अपनानी चाहिए। फेडरेशन ने कहा कि डीजीसीए को सर्दियों का शेड्यूल मंजूर करते समय यह जरुर पता करना चाहिए कि एयरलाइन के पास नए एफडीटीएल नियमों के तहत पर्याप्त पायलट हैं या नहीं। अगर किसी एयरलाइन के पास पर्याप्त स्टाफ न हो तो उसका स्लाट किसी दूसरी एयरलाइन को दिया जाए। एयरलाइंस को नियमों से बचने के लिए जानबूझकर उड़ानें रद्द कर यात्रियों पर दबाव बनाने की इजाजत न दी जाए।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।