दिल्ली विस्फोट में इस्तेमाल i-20 कार सबसे पहले कनॉट प्लेस और मयूर विहार में आई थी नजर, जांच में बड़ा खुलासा
दिल्ली में हुए विस्फोट में इस्तेमाल की गई i-20 कार को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई हैं। जांच से पता चला है कि यह कार पहले कनॉट प्लेस और मयूर विहार में देखी गई थी। पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है ताकि कार के बारे में और जानकारी मिल सके और विस्फोट के पीछे के लोगों तक पहुंचा जा सके। पुलिस दोषियों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Delhi Blast 2025 दिल्ली में लाल किला के पास सोमवार शाम को जिस आई-20 कार में ब्लास्ट हुआ था। उसे सबसे पहले राजधानी के बड़े इलाकों में देखा गया था। सूत्रों के अनुसार, इस कार को लाल किला से पहले कनॉट प्लेस और मयूर विहार में देखा गया था।
बता दें कि आतंकी उमर नबी द्वारा इस कार को पार्किंग में तीन घंटे तक खड़ा किया गया था, जिसके बाद सोमवार की शाम को 6:52 बजे इस कार में तेज धमाका हुआ और पूरा इलाका दहल उठा। इस हमले में अभी तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इन सभी का अस्पताल में उपचार चल रहा है।
लाल किला के बाहर हरियाणा नंबर की आई-20 कार (HR 26CE7674) में हुआ जोरदार धमाका पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की साजिश थी। इस आतंकी संगठन से जुड़े फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी के डॉ. उमर नबी बट ने यह हमला किया। सोमवार शाम से जांच में जुटी केंद्रीय एजेंसियों, दिल्ली पुलिस व एफएसएल टीम की प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर आतंकी हमले की पुष्टि हो गई।
वहीं, तमाम साक्ष्य मिलने के बाद उत्तरी जिला के कोतवाली थाने में गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम व विस्फोटक एक्ट में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई। गृह मंत्रालय के निर्देश पर दोपहर बाद जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को सौंपी गई, जांच में दिल्ली पुलिस एनआइए को सहयोग करेगी। प्रारंभिक जांच में विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट, ईंधन आयल, डेटोनेटर का इस्तेमाल किए जाने आशंका है। हमले में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, 26 घायलों में कई की हालत गंभीर है।
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पुलिस अधिकारी का कहना है कि लाल किला के बाहर हुआ धमाका, दिल्ली में पहले हुए सभी धमाकों से अलग है। अब तक जितने भी धमाके हुए हैं उनमें घटनास्थल पर जमीन में गड्ढा हुआ था। बम में लोहे की कीलें आदि का इस्तेमाल किया जाता था, जिससे मौके से कीलें आदि बरामद होती थीं, लेकिन इस धमाके के लिए बनाए गए बम में कीलों व लोहे के टुकड़े आदि का इस्तेमाल नहीं किया गया।
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जांच एजेंसियां इस बात को लेकर हैरान हैं कि आखिर विस्फोटक में किस तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया गया है। केमिकल के बारे में पता लगाने के लिए केंद्रीय एजेंसियां, दिल्ली पुलिस व फोरेंसिक साइंस लैब की टीमें जुटी हैं।
एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि जब आई-20 कार में तेज धमाका हुआ, तब उसका सबसे अधिक प्रभाव पीछे की तरफ दिखाई दिया। विस्फोटक वाली कार के पीछे खड़े करीब 10-12 वाहन सबसे अधिक क्षतिग्रस्त हुए। हालांकि, आई-20 कार के आगे व अगल-बगल चलने वाले वाहन भी धमाके की चपेट में आए।

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