दिल्ली ब्लास्ट में नहीं जाती 15 लोगों की जान, अगर... धमाके से कुछ दिन पहले PWD ने क्यों लिखा था लेटर?
लाल किला के सामने हुए धमाके में मृतकों की संख्या 15 तक पहुंच गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि नेताजी सुभाष मार्ग पर अतिक्रमण और यातायात प्रबंधन की अनदेखी के कारण नुकसान बढ़ा। पीडब्ल्यूडी ने धमाके से पहले प्रशासन को पत्र लिखकर अतिक्रमण हटाने की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हाई कोर्ट के आदेशों को भी अनसुना कर दिया गया, जिसके कारण जान-माल की हानि हुई।
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10 नवंबर को लाल किले के पास आतंकी धमाका हुआ था। फाइल फोटो सौजन्य- जागरण ग्राफिक्स
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। लाल किला के सामने आतंकी धमाके में अब तक जान गंवाने वालों की संख्या 15 तक पहुंच चुकी है। इसी तरह कोई घायलों का इलाज अब भी अस्पताल में जारी है। मामले को लेकर जांच में लगातार नई जानकारियां सामने आ रही हैं।
इस बीच विशेषज्ञ द्वारा यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि क्या जान कब आने वाले तथा घायलों की संख्या को काम किया जा सकता था? जिसके पीछे नेताजी सुभाष मार्ग पर बड़ी संख्या में अवैध पार्किंग तथा रेहड़ी पटरी वालों का अतिक्रमण तथा यातायात प्रबंधन की पूरी तरह से अनदेखी रही। जबकि, सिविक एजेंसियां एक दूसरे को इसे लेकर सचेत करती रही थी।
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धमाके से पहले 6 नवंबर को लिखा था लेटर
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने धमाके के कुछ दिन पूर्व ही मध्य दिल्ली प्रशासन के स्पेशल टास्क फोर्स तथा एमसीडी के सिटी एसपी जोन से लोगों को हो रही असुविधा और सुरक्षा के मद्देनजर सड़क और फुटपाथ से अतिक्रमण और वाहनों की अवैध पार्किंग हटाने की मांग को लेकर लिखा पत्र लिखा था।
यह पत्र, धमाके से कुछ दिन पहले छह नवंबर को लिखा गया था। पीडब्ल्यूडी द्वारा इस तरह का पत्र इस वर्ष में तीन से चार बार विभागों को चेताते हुए लिखा गया था। खासकर घटना वाले सुभाष मार्ग को लेकर, जहां धमाके के बाद अब भी हालात सुधरे नहीं है तथा उससे कोई सबक नहीं लिया गया है।
जानकारों का कहना है कि अगर वहां अतिक्रमण और अवैध पार्किंग से जाम की स्थिति न होती तो कम होती जान माल की हानि। पूर्व में हाई कोर्ट ने भी कई बार अपने आदेश में अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाई करने को कहा था, उसे भी अनसुना कर दिया गया।
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