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    कोहरे के आगे बेबस कैट-III सिस्टम, दिल्ली एयरपोर्ट पर उड़ानों का बुरा हाल; तीन दिन में 394 उड़ानें रद

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 08:26 PM (IST)

    दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे ने नए साल की पूर्व संध्या पर हवाई यातायात को बुरी तरह प्रभावित किया। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर बुधवार को दृश् ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में घने कोहरे ने नए साल की पूर्व संध्या पर हवाई यातायात को बुरी तरह से प्रभावित किया। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) एयरपोर्ट पर बुधवार को दृश्यता शून्य के करीब पहुंचने से यात्रियों का नए साल का सफर दुःस्वप्न में बदल गया। कड़ाके की ठंड और कोहरे के कारण बुधवार को कुल 148 उड़ानें रद्द कर दी गईं, जबकि 350 से अधिक उड़ानों ने निर्धारित समय से देरी से उड़ान भरी।

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    आधुनिक तकनीक कैट-III लैंडिंग सिस्टम भी पड़ा फीका

    बुधवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पर रनवे विजुअल रेंज कई स्थानों पर 50 से 100 मीटर तक दर्ज की गई। विजिबिलिटी इतनी कम थी कि यहां इंस्टॉल अत्याधुनिक कैट-III लैंडिंग सिस्टम के बावजूद उड़ानों का संचालन करना बेहद जोखिम भरा हो गया। दोपहर के बाद स्थिति में थोड़ा सुधार जरूर हुआ, लेकिन तब तक उड़ानों का शेड्यूल पूरी तरह बिगड़ चुका था।

    एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, बुधवार केवल 2 विमानों को डायवर्ट किया गया, लेकिन 78 आगमन और 70 प्रस्थान वाली उड़ानें रद करनी पड़ीं। इसके साथ ही तीन दिनों में रद उड़ानों की संख्या 394 तक पहुंच गई है। जिसने हवाई यात्रा को बुरी तरह प्रभावित किया है। इसमें 29 दिसंबर को 128 उड़ानें, 30 दिसंबर को 118 उड़ानें बुधवार 31 दिसंबर को 148 उड़ानें हो चुकी हैं।

    इस दौरान इंडिगो, एयर इंडिया और स्पाइसजेट जैसी एयरलाइंस के यात्री टर्मिनल के अंदर घंटों फंसे रहे। इधर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए दिल्ली-एनसीआर के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।

    क्या है कैट-III लैंडिंग सिस्टम?

    कैट-III लैंडिंग सिस्टम एक अत्याधुनिक इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम है, जो बेहद कम दृश्यता, घने कोहरे या स्माग की स्थिति में भी विमानों को सुरक्षित रूप से रनवे पर उतारने में सक्षम बनाता है। इस प्रणाली में ग्राउंड-आधारित आईएलएस, आटो-पायलट, हाई-इंटेंसिटी रनवे लाइट्स और उन्नत नेविगेशन उपकरण शामिल होते हैं। कैट-III के तहत पायलट को आंखों से रनवे देखने की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि विमान तकनीकी संकेतों के आधार पर लैंडिंग करता है। दिल्ली जैसे कोहरा-प्रभावित एयरपोर्ट्स पर सर्दियों में उड़ानों की निरंतरता और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में कैट III सिस्टम की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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