ललित मोदी को सुप्रीम कोर्ट से झटका, बीसीसीआई से जुड़ी याचिका खारिज
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की आधारशिल रखने वाले बीसीसीआई के पूर्व उपाध्यक्ष ललित मोदी को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। उन्होंने बीसीसीआई के खिलाफ एक याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। ललित मोदी लंबे समय तक बीसीसीआई के साथ रहे लेकिन विवाद के कारण उनकी राह जुदा हो गई।

नई दिल्ली, पीटीआई : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पूर्व क्रिकेट प्रशासक ललित मोदी द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने आइपीएल के 2009 के सत्र से जुड़े विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन के लिए ईडी द्वारा उन पर लगाया गया 10.65 करोड़ रुपये का जुर्माना भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को भुगतान करने का आदेश देने की मांग की थी।
हालांकि जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने जुर्माने के खिलाफ राहत पाने के लिए ललित को सिविल अदालत में जाने की छूट प्रदान कर दी।
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याचिका का कोई मतलब नहीं
पिछले वर्ष 19 दिसंबर को बांबे हाई कोर्ट ने ललित मोदी पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था, जब उन्होंने बीसीसीआई को 10.65 करोड़ रुपये का जुर्माना भुगतान करने का आदेश देने की याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि यह याचिका निरर्थक और पूरी तरह से औचित्यहीन है। कोर्ट ने कहा था कि फेमा के तहत निर्णय लेने वाले प्राधिकरण ने मोदी पर जुर्माना लगाया है, उन्हें ही भुगतान करना होगा। मोदी ने अपनी याचिका में कहा था कि उन्हें बीसीसीआई उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था, उस दौरान वह आईपीएल की संचालन समिति के अध्यक्ष भी थे। याचिका में दावा किया गया था कि नियमानुसार बीसीसीआई को उनका मुआवजा देना चाहिए।
ललित मोदी ने शुरू किया था आईपीएल
ललित मोदी वो शख्स हैं जिन्होंने आईपीएल की नींव रखी थी। ये उनका का विचार था जिसे उन्होंने साकार किया। साल 2008 में वह आईपीएल लेकर आए और पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया। आज ये लीग दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग है और दुनिया का हर क्रिकेटर इस लीग में खेलना चाहता है। हालांकि, बाद में ललित मोदी और बीसीसीआई में अनबन हो गई जिसके चलते वह इस लीग से दूर हो गए।
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