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    शुभमन गिल को तीनों फॉर्मेट का कप्तान बनाने की जल्दबाजी भारी पड़ी, कप्तान होने के कारण सूर्य कुमार की जगह बची

    By Abhishek TripathiEdited By: Rajat Gupta
    Updated: Fri, 26 Dec 2025 06:00 AM (IST)

    इस साल इंग्लैंड में हुई पांच टेस्ट मैचों की तेंदुलकर-एंडरसन सीरीज से पहले किसी को गिल की टेस्ट बल्लेबाजी पर भरोसा नहीं था। ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस ...और पढ़ें

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    टी20 में नहीं चला गिल का बल्‍ला।

    अभिषेक त्रिपाठी, जागरण नई दिल्ली : कभी-कभी कुछ फैसले इतने भारी पड़ते हैं जिसका आकलन करने में महीनों लग जाते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ टेस्ट और वनडे टीम के कप्तान शुभमन गिल के साथ। टी-20 से संन्यास ले चुके और टेस्ट से संन्यास लेने के लिए मजबूर किए गए सुपरस्टार क्रिकेटर रोहित शर्मा और विराट कोहली की लीगेसी से आगे निकलने के लिए शुभमन गिल को सभी प्रारूप का कप्तान बनाने की जो जल्दबाजी की गई वह इस ओपनर पर भारी पड़ गई।

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    इस साल इंग्लैंड में हुई पांच टेस्ट मैचों की तेंदुलकर-एंडरसन सीरीज से पहले किसी को गिल की टेस्ट बल्लेबाजी पर भरोसा नहीं था। ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में मिली करारी हार के बावजूद कप्तान रोहित को लग रहा था कि टीम में भविष्य का कप्तान नहीं होने के कारण बीसीसीआई उन पर आगे भी भरोसा करेगा लेकिन मुख्य कोच गौतम गंभीर और मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर ने गिल को टेस्ट कप्तान के तौर पर आगे बढ़ाया।
    सबको लग रहा था कि अगर रोहित को कप्तानी से हटाया गया तो जसप्रीत बुमराह टेस्ट कप्तान बनेंगे लेकिन हार्दिक पांड्या की तरह उन्हें भी फिटनेस का तर्क देकर कप्तान बनने से रोका गया। हालत यह है कि उसके बाद से बुमराह का प्रदर्शन उस स्तर का नहीं रहा है जैसा उससे पहले होता था।

    इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज में गिल को कप्तान बनाने का दांव सफल रहा और उन्होंने 750 से ज्यादा रन ठोककर गंभीर और अगरकर की झोली खुशियों से भर दी। पांच मैचों की सीरीज भी 2-2 से ड्रॉ रही जिसका इनाम गिल को टी-20 में उपकप्तान बनाकर दिया गया। बस यहीं पर गलती हो गई। गिल भले ही आईपीएल में टी-20 के बेहतर बल्लेबाज हों लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके आंकड़े कमजोर पड़ जाते हैं।

    जब रोहित कप्तान थे तब ही गिल को वनडे का उपकप्तान बना दिया गया था और इस साल रोहित को कप्तानी से हटाकर उन्हें टीम की कमान सौंप दी गई। वनडे में गिल के आंकड़े शानदार हैं और यह फैसला सही था लेकिन जितना क्रिकेट इस समय हो रहा है उसमें कोई भी क्रिकेटर लगातार तीन प्रारूप में खेल नहीं सकता। लगातार कप्तानी और उपकप्तानी मिलने से गिल को लगा कि यही सही समय है खेलते जाओ-खेलते जाओ लेकिन शरीर तो शरीर है।

    जब भी प्रेस कांफ्रेंस में गिल के वर्कलोड पर सवाल होता तो बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक कहते वर्कलोड तो गेंदबाजों का होता है, गिल तो अभी बहुत युवा हैं। ऑस्ट्रेलिया में लगातार टी-20 और वनडे प्रारूप में खेलने के कारण वह दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध कोलकाता में पहले टेस्ट में ही घायल हो गए। इस सीरीज से पहले गिल की दुनिया बहुत खूबसूरत थी। वह जो छू रहे थे वह सोना बन जाा रहा था लेकिन टी-20 की उपकप्तानी उनके लिए घातक हो गई।

    दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध टेस्ट सीरीज में गर्दन की गंभीर चोट के बाद गिल ने टी-20 सीरीज के लिए फिट होने के लिए समय के विरुद्ध दौड़ लगाई। अगले साल होने वाले टी-20 विश्व कप में जगह बनाने के लिए उन्हें पांच मैचों की सीरीज में रन बनाकर खुद को साबित करना था लेकिन शुरुआती तीन मैचों में उनका स्कोर 4, 0 और 28 रहा।

    इसके बाद खबर आई कि उनके एक अंगूठे में चोट लगी है जिसके कारण वह अगले दो मैच नहीं खेल पाएंगे। इसके बाद न्यूजीलैंड के विरुद्ध टी-20 सीरीज और टी-20 विश्व कप के लिए घोषित टीम से गिल का नाम गायब था। वह 2024 टी-20 विश्व कप टीम का भी हिस्सा नहीं थे। भारतीय चयनकर्ताओं ने जो वर्तमान टीम चुनी है वह बढ़िया है क्योंकि गिल के नहीं होने से अभिषेक शर्मा और संजू सैमसन ओपनिंग करेंगे।

    गिल के होने से सैमसन को बाहर बैठना पड़ रहा था और दूसरे विकेटकीपर जितेश शर्मा को खिलाना पड़ रहा था। चयनकर्ताओं ने भले ही अब जाकर सही फैसला किया हो लेकिन सवाल यह उठेगा कि गिल को तीनों प्रारूप में कप्तान बनाने की दौड़ क्यों और किसके कहने पर लगाई गई?

    उपकप्तान गए लेकिन कप्तान क्यों टिके हैं

    अब सवाल यह उठा रहा है कि खराब प्रदर्शन के कारण उपकप्तान गिल को टी-20 से हटा दिया गया लेकिन कप्तान सूर्य कुमार यादव का प्रदर्शन तो उनसे ज्यादा खराब हो गया है। वह पिछली 25 पारियों में अर्धशतक नहीं लगा पाए हैं। अभी सिर्फ एक प्रारूप में टीम में खेल रहे सूर्य ने अपना आखिरी टी-20 अर्धशतक पिछले साल अक्टूबर में बांग्लादेश के विरुद्ध हैदराबाद में लगाया था। इस दौरान भारतीय टीम जरूर सीरीज जीतती रही लेकिन एशिया कप से लेकर अभी तक उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा है।

    पिछले साल बारबाडोस में टी-20 विश्व कप जीतने के बाद रोहित ने इस प्रारूप से संन्यास लिया था जिसके बाद सूर्य कुमार कप्तान बने थे, लेकिन अगर उनका प्रदर्शन इसी तरह चलता रहा तो 2026 टी-20 विश्व कप उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा। उन्होंने इस साल 21 टी-20 मैचों में 13.62 के औसत से 218 रन बनाए हैं। वह इस दौरान कोई भी शतक और अर्धशतक नहीं लगा पाए और तीन बार शून्य पर आउट हुए हैं।

    गिल ने इस साल 15 मैचों में 24.25 के औसत से 291 रन बनाए। वह सिर्फ एक बार शून्य पर आउट हुए। वह भी कोई शतक और अर्धशतक नहीं लगा पाए। बीसीसीआई सूत्र ने कहा कि सूर्य का प्रदर्शन गिल से ज्यादा खराब रहा है लेकिन विश्व कप से दो महीने पहले हम कप्तान और उपकप्तान दोनों नहीं बदल सकते थे। सूर्य 2024 से हमारी रणनीति का हिस्सा हैं और उनकी कप्तानी में टीम जीत रही है जबकि गिल को इस साल टीम में वापस लाया गया। ऐसे में सूर्य को कम से कम एक विश्व कप में कप्तानी देने का मौका दिया जाना चाहिए।

    नंबर गेम

    • 869 रन शुभमन गिल ने बनाए हैं 36 टी-20 मुकाबले में।
    • इस दौरान उन्होंने एक शतक और तीन अर्धशतक भी जड़े हैं।
    • 99 टी-20 मुकाबले में कप्तान सूर्यकुमार यादव ने बनाए हैं 2788 रन।
    • इसमें चार शतक और 21 अर्धशतक भी लगाए हैं।
    • 7 फरवरी से भारत और श्रीलंका की संयुक्त मेजबानी में टी-20 विश्व कप 2026 की शुरुआत होगी।
    • उद्घाटन मुकाबले में भारत का सामना अमेरिका से होगा।
    • 7 शहरों में खेले जाएंगे टी-20 विश्व कप के मुकाबले।
    • भारत के पांच और श्रीलंका के दो शहर हैं शामिल।
    • 13.62 की औसत से सूर्यकुमार यादव ने 2025 में 218 रन जोड़े हैं।
    • इसके अलावा वह 37 वनडे में 25.76 की औसत से 773 रन बनाए हैं।
    • वह 2023 से कोई वनडे मैच नहीं खेले हैं।
    • इसके अलावा उन्होंने एकमात्र टेस्ट में सिर्फ आठ रन बनाए हैं।

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