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Ind vs SL: डे-नाइट टेस्ट के लिए अक्षर पटेल या मो. सिराज में किसे मिल सकता है मौका, बुमराह ने बताया

बेंगलुरु में पहली बार पिंक बाल टेस्ट मैच होने जा रहा है और इसमें गुलाबी एसजी गेंद लाल चेरी गेंद के मुकाबले अलग तरीके से बर्ताव करेगी। यहां शुरुआती तीन दिन बल्लेबाजों को मदद मिलती है तो वहीं अंत में दो दिन तक पिच से स्पिनरों को मदद मिलती है

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 11 Mar 2022 02:04 PM (IST)Updated: Fri, 11 Mar 2022 06:02 PM (IST)
भारतीय टेस्ट टीम के खिलाड़ी (एपी फोटो)

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारत ने अपनी धरती पर अब तक कुल दो डे-नाइट टेस्ट मैच खेले हैं और दोनों में ही टीम इंडिया को जीत मिली थी। टीम इंडिया ने अपनी सरजमीं पर पहला डे-नाइट टेस्ट मैच बांग्लादेश के खिलाफ तो दूसरा इंग्लैंड के खिलाफ खेला था और दोनों में ही उसे बड़ी जीत मिली थी। रोहित शर्मा की कप्तानी में अब भारत अपनी धरती पर तीसरा डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने जा रहा है और जाहिर है ये टीम अपने विजयी अभियान को जारी रखना चाहेगी। 

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बेंगलुरु में शनिवार से खेले जाने वाले डे-नाइट टेस्ट मैच में प्लेइंग इलेवन का चयन भी अहम रहने वाला है। हालांकि इसमें ज्यादा बदलाव नहीं दिखेंगे, लेकिन जयंत यादव को बाहर किया जा सकता है क्योंकि टीम में अक्षर पटेल की वापसी हो चुकी है जो स्पिन गेंदबाजी के साथ-साथ शानदार बल्लेबाजी भी करते हैं। टीम में जयंत की जगह लेने के लिए अक्षर पटेल के साथ-साथ मो. सिराज भी हैं जिनके लिए बेंगलुरु घरेलू मैदान जैसा है क्योंकि आरसीबी के लिए उन्होंने यहां पर कई मैच खेले हैं और उन्हें यहां पर खेलने का काफी अनुभव है। 

बेंगलुरु में पहली बार पिंक बाल टेस्ट मैच होने जा रहा है और इसमें गुलाबी एसजी गेंद लाल चेरी गेंद के मुकाबले अलग तरीके से बर्ताव करेगी। बेंगलुरु में शुरुआती तीन दिनों तक बल्लेबाजों को मदद मिलती है तो वहीं अंत में दो दिन तक पिच से स्पिनरों को मदद मिलती है और ये परंपरा पूरी तरह से जारी रहने का अनुमान है। अब अहमदाबाद के पिच के विपरित बेंगलुरु की पिच लाल मिट्टी से बनी है और दरारें खुलने के बाद पहले दो दिन तेज गेंदबाजों को मदद मिल सकती है। वहां का तापमान लगभग 30 डिग्री होगा और ऐसे में दरारें जल्दी खुल सकती है। यही नहीं मैच दिन-रात का होगा तो बेंगलुरु में शाम में हवा होगी जिससे तेज गेंदबाज को गेंद स्विंग कराने में मदद मिलेगी। 

अक्षर पटेल अहमदाबाद में लाल मिट्टी का इस्तेमाल गेंदबाजी में फायदा उठाने के लिए करते हैं और वहां की सरफेस पर गेंद स्किड करती है। बेंगलुरु में मामला अलग हो सकता है। यहां पर सिराज को इस वजह से फायदा हो सकता है क्योंकि उन्हें यहां पर खेलने का खासा अनुभव है और वो अक्षर के मुकाबले यहां कि परिस्थिति को ज्यादा बेहतर समझते हैं। हालांकि टेस्ट टीम के उप-कप्तान जसप्रीत बुमराह ने ये साफ नहीं किया कि इन दोनों में से किसे प्लेइंग इलेवन में मौका मिल सकता है। वैसे बेंगलुरु की परिस्थिति के मुताबिक सिराज ज्यादा फिट बैठते हैं। 


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