रतन के बाद मुश्किल में Tata! साल 2025 में डूब गए ₹6.7 लाख करोड़; ऐसे कैसे चलेगा 157 साल पुराना कारोबारी साम्राज्य
टाटा ग्रुप (Tata Group Shares) के लिए साल 2025 चुनौतीपूर्ण रहा है। इस साल ग्रुप की कंपनियों की मार्केट कैपिटल में 75 अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट आई है। यह गिरावट अमेरिकी वीजा का महंगा होना और जगुआर लैंड रोवर के उत्पादन को ठप करने वाले साइबर हमले जैसी चुनौतियों के कारण हुई है। टीसीएस के शेयर में भी बड़ी गिरावट आई जबकि टाटा स्टील की स्थिति अच्छी रही।

नई दिल्ली। 157 साल पहले सन 1868 में शुरू हुए भारत के प्रमुख बिजनेस ग्रुप्स में से एक टाटा ग्रुप (Tata Group Shares) के लिए साल 2025 चुनौतीपूर्ण रहा है। इस साल इसकी कंपनियों की मार्केट कैपिटल में 75 अरब डॉलर (करीब 6.7 लाख करोड़ रुपये) से भी ज्यादा की गिरावट आई है।
गौरतलब है कि इस गिरावट का एक बड़ा हिस्सा पिछले कुछ हफ्तों में देखा गया है, जिसकी वजह अमेरिकी वीजा का महंगा होना और जगुआर लैंड रोवर के उत्पादन को ठप करने वाले साइबर हमले जैसी चुनौतियाँ हैं। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, समूह की 16 सबसे बड़ी कंपनियों की टोटल मार्केट कैपिटल लगभग दो साल के निचले स्तर पर आ गई है।
किन वजहों से हुआ नुकसान
टाटा ग्रुप को 19 सितंबर से लगभग 20 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है, जो इस साल की कुल गिरावट का पाँचवाँ हिस्सा है। 19 सितंबर से ये गिरावट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिकी वर्क-वीजा नियमों को कड़ा करने के बाद आई, जिसका असर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड पर पड़ा।
कॉफी से लेकर कारों तक का कारोबार करने वाला यह ग्रुप अपने सबसे कठिन वर्षों में से एक का सामना कर रहा है, जिसमें इसे जगुआर लैंड रोवर के उत्पादन में बाधा डालने वाले एक साइबर हमले, एक घातक हवाई दुर्घटना, और ट्रंप के "अमेरिका फर्स्ट" रुख के कारण अपने आईटी सर्विस बिजनेस के लिए नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
गिरावट में सबसे आगे टीसीएस
ग्रुप की सबसे अधिक मार्केट कैपिटल वाली कंपनी टीसीएस गिरावट में सबसे आगे रही, जिसका शेयर पिछले सप्ताह 8% से अधिक गिर गया, जो 2020 के बाद से इसकी सबसे बड़ी गिरावट है। वीजा शुल्क में वृद्धि के बाद, इंफोसिस और विप्रो जैसी प्रतिस्पर्धी कंपनियों के साथ, इस शेयर में बीते हफ्ते के सभी पाँच सत्रों में गिरावट आई। टीसीएस का शेयर इस साल अब तक 30% नीचे फिसला है।
टाटा मोटर्स कितना गिरा
पिछले सप्ताह टाटा मोटर्स का शेयर लगभग 5% गिर गया क्योंकि जेएलआर साइबर हमले के कारण उसका ऑपरेशन ठप हो गया। हालाँकि बाद में इस लग्जरी कार निर्माता ने सप्लायर्स की सहायता के लिए 2 बिलियन डॉलर के लोन के लिए यूके का सपोर्ट हासिल कर लिया।
जेएलआर कथित तौर पर ग्लोबल लेंडर्स से 2 बिलियन पाउंड ($2.7 बिलियन) की इमरजेंसी फाइनेंसिंग की मांग कर रही है।
टाटा स्टील का शेयर चढ़ा
जेएलआर, जो इस साल की शुरुआत में ही ट्रम्प के ट्रेड वॉर से प्रभावित थी, ने जून तिमाही में 758 मिलियन पाउंड के फ्री कैश आउटफ्लो की सूचना दी थी। यह साइबर हमला कार निर्माता द्वारा नेट कैश पॉजिटिव होने और अपना नेट डेट चुकाने के कुछ ही समय बाद हुआ।
भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी, टाटा मोटर्स के शेयरों में पिछले एक साल में 31% की गिरावट देखी गई है। कुल मिलाकर, टाटा ग्रुप की 16 लिस्टेड कंपनियों में से 12 के शेयरों में इस साल गिरावट आई है। तेजस नेटवर्क्स का मूल्य आधा रह गया है, जबकि ट्रेंट और नेल्को दोनों के मूल्य में लगभग एक-तिहाई की गिरावट आई है।
हालांकि टाटा स्टील एक अच्छी स्थिति में रही, जिसने इस वर्ष अब तक लगभग 25% की बढ़त हासिल की है।
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