संवत 2082 में कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल, किन शेयरों से होगी कमाई, टॉप ब्रोकरेज फर्म ने जताए ये अनुमान
संवत 2081 में विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली और कमजोर कॉरपोरेट इनकम के कारण भारतीय शेयर बाजार में काफी गिरावट देखने को मिली। पिछली दिवाली के बाद से सेंसेक्स 3.3 प्रतिशत और निफ्टी 3.9 प्रतिशत बढ़ा है, जो पिछले तीन सालों में उनकी सबसे कम वार्षिक बढ़त है। संवत 2082 के प्रारंभ होते ही ग्लोबल और घरेलू ब्रोकरेज फर्म भारतीय बाजारों के लिए सतर्कतापूर्ण पॉजिटिव नजरिया जाहिर कर रहे हैं।
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घरेलू और ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म ने बाजार पर जाहिर की अपनी राय
नई दिल्ली। दिवाली से पहले ब्रोकरेज फर्म चुनिंदा शेयरों (Diwali Stock Picks) में निवेश के लिए चुनिंदा स्टॉक पिक जारी कर रहे हैं। इसी कड़ी में देश और विदेश के टॉप ब्रोकरेज फर्म ने संवत 2082 में बाजार की चाल को लेकर अपनी राय जाहिर की है। दरअसल, संवत 2081 में विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली, हायर वैल्युएशन और मंद कॉरपोरेट इनकम व जियो पॉलिटिकल टेंशन के कारण भारतीय शेयर बाजार में काफी गिरावट देखने को मिली। हालांकि, इस अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों (FIIs Selloff in Market) ने बाजार में 5.8 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया, जिसके चलते एफआईआई की बिकवाली का प्रभाव कम रहा और बाजार को मजबूती मिली।
पिछली दिवाली के बाद से सेंसेक्स 3.3 प्रतिशत और निफ्टी 3.9 प्रतिशत बढ़ा है, जो पिछले तीन सालों में उनकी सबसे कम वार्षिक बढ़त है। इसके चलते भारतीय बाजार ग्लोबल मार्केट से पिछड़ गए। वहीं, बीएसई मिडकैप 0.1 प्रतिशत गिरा, जो इस इंडेक्स में तीन सालों में पहली गिरावट है, जबकि बीएसई स्मॉलकैप 4.3 प्रतिशत गिरा, जो पिछले छह सालों में ऐसी पहली गिरावट है।संवत 2082 के प्रारंभ होते ही ग्लोबल और घरेलू ब्रोकरेज फर्म भारतीय बाजारों के लिए सतर्कतापूर्ण पॉजिटिव नजरिया जाहिर कर रहे हैं।
कोटक सिक्योरिटीज़
घरेलू ब्रोकरेज फर्म कोटक सिक्योरिटीज को लंबे समय तक अर्निंग में डाउनग्रेड के बाद स्थिरता की उम्मीद है, और वित्त वर्ष 27 में निफ्टी 50 के लिए 18 प्रतिशत की अर्निंग ग्रोथ का अनुमान है। इसका अनुमान है कि प्रति शेयर आय वित्त वर्ष 27 में बढ़कर 1,297 रुपये और वित्त वर्ष 28 में 1,487 रुपये हो जाएगी। ब्रोकरेज को अगले 12-15 महीनों में मामूली रिटर्न की उम्मीद है क्योंकि मूल्यांकन में कमी के कारण आय वृद्धि पर असर पड़ सकता है।
नुवामा रिसर्च
इस ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि वैश्विक ब्याज दरों में कटौती का चक्र तेज़ हो रहा है। चूंकि, भारत में महंगाई दर 2 फीसदी से नीचे आ गई है इसलिए आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ गई है।
नुवामा को उम्मीद है कि मज़बूत लोन ग्रोथ, बढ़ती विनिर्माण गति और इन्फ्रा सेक्टर में निवेश के चलते आय की संभावनाएं मज़बूत रहेंगी। हालांकि, ब्रोकरेज फर्म को निफ्टी का वैल्युएशन अब भी हाई लग रहा है, लेकिन उसे उम्मीद है कि मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयर मज़बूत होंगे। ब्रोकरेज की माने तो शॉर्ट टर्म में अस्थिरता के बावजूद भारतीय बाजार को लेकर मांग बनी रहेगी।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज
घरेलू ब्रोकरेज फर्म ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव से ग्लोबल सप्लाई चैन बाधित हो सकती है। वहीं, यूएस-चीन के बीच बढ़ता टैरिफ तनाव 2026 तक अनिश्चितता को बढ़ा सकता है। हालांकि, एचडीएफसी को भारतीय बाजार में बढ़े हुए मूल्यांकन के बीच चुनिंदा शेयरों से खास मुनाफे की उम्मीद है। इनमें घरेलू खपत, वित्तीय, बिजली और इंजीनियरिंग क्षेत्रों की कंपनियों के स्टॉक शामिल हैं।
एसबीआई सिक्योरिटीज़
एसबीआई सिक्योरिटीज़ का अनुमान है कि डबल डिजिट में आय वृद्धि, कच्चे तेल की नरम कीमतों, अमेरिका-भारत व्यापार मोर्चे पर संभावित प्रगति के कारण भारतीय शेयर बाजार का कमजोर प्रदर्शन दूर होगा। ब्रोकरेज को वित्त वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही में त्योहारी सीजन में मजबूत खपत की भी उम्मीद है, क्योंकि जीएसटी में कटौती और मैक्रो फंडामेंटल्स स्थितियां बेहतर होंगी। ब्रोकरेज हाउस ने ऑटो, सीमेंट, एमएसएमई और हाउसिंग फाइनेंस पर केंद्रित एनबीएफसी के शेयरों पर निवेश का नजरिया जाहिर किया है।
(डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ब्रोकरेज हाउसेज राय है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)
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