IPO News: आपने भी लगाया एलजी के आईपीओ में पैसा? अलॉटमेंट से पहले ही आ गई बुरी खबर; ₹4717 Cr का है मामला
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के आईपीओ के अंतिम दिन (LG IPO Last Day), निवेशकों के लिए बुरी खबर आई है। इनगवर्न ने 4,717 करोड़ रुपये की आकस्मिक देनदारियों पर चिंता जताई है, जो कंपनी की नेटवर्थ का 73% है। इसमें विवादित टैक्स क्लेम और रॉयल्टी शुल्क में वृद्धि की आशंका शामिल है, जिससे निवेशकों के हितों पर असर पड़ सकता है।

एलजी आईपीओ के आखिरी दिन कंपनी के लिए आई निगेटिव न्यूज
नई दिल्ली। आज एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के आईपीओ का आखिरी दिन (LG IPO Last Day) है। इसके आईपीओ में गुरुवार को शाम 5 बजे तक अप्लाई किया जा सकता है। इसके आईपीओ को अच्छा रेस्पॉन्स भी मिल रहा है। करीब साढ़े 3 बजे तक आईपीओ को 36 गुना से अधिक सब्सक्राइब कर लिया गया है।
आईपीओ अलॉटमेंट होने से पहले ही एलजी से जुड़ी एक बुरी खबर आई है। दरअसल प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म इनगवर्न ने एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के निवेशकों को आगाह किया है और विवादित टैक्स क्लेम समेत 4,717 करोड़ रुपये की आकस्मिक देनदारियों (Contingent Liabilities) पर चिंता जताई है। फर्म ने कहा है कि नकारात्मक नतीजों से इक्विपमेंट और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की इस प्रमुख कंपनी की भविष्य की इनकम में "काफी गिरावट" आ सकती है।
नेटवर्थ की 73% हैं देनदारियां
इनगवर्न ने कहा है कि एलजी की कुल बकाया 4,717 करोड़ रुपये की आकस्मिक देनदारियां इसकी नेटवर्थ का 73% है। ये देनदारियां विवादित इनकम टैक्स, एक्साइज और सर्विस टैक्स क्लेम से जनरेट होती हैं। सलाहकार फर्म ने कहा कि कंपनी ने कानूनी सलाह और अपीलीय प्लेटफॉर्म के सामने चल रही अपीलों का हवाला देते हुए इन कार्यवाहियों के लिए प्रोविजन नहीं बनाए हैं।
रॉयल्टी शुल्क भी बढ़ सकता है
इनगवर्न ने यह भी बताया कि एलजी की कोरियाई पैरेंट कंपनी शेयरधारकों की मंज़ूरी के बिना घरेलू मैन्युफैक्चरिंग से वार्षिक समेकित कारोबार के 5% तक रॉयल्टी शुल्क बढ़ा सकती है। पिछले तीन वर्षों में रॉयल्टी का आउटफ्लो रेवेन्यू के 1.63% से 1.90% के बीच रहा है, जो एक ऐसी व्यवस्था है जो छोटे निवेशकों की निगरानी के बिना मार्जिन को प्रभावित कर सकती है।
इनगवर्न की एक और चेतावनी
इनगवर्न ने एक और चेतावनी दी है। इसने कहा है कि एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा छह महीने के नोटिस के साथ स्थायी लाइसेंस समझौते को समाप्त करने या उसमें कोई भी बदलाव करने से कंपनी का एलजी ब्रांड के तहत मैन्युफैक्चरिंग और बिक्री करने का अधिकार समाप्त हो जाएगा। इससे कंपनी के ऑपरेशन में भारी अड़चन आ सकती है।
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(डिस्क्लेमर: यहां एक आईपीओ की जानकारी दी गयी है, निवेश की राय नहीं। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)
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