टाटा मोटर्स के बाद अब Mahindra के होंगे टुकड़े! अलग-अलग व्हीकल सेगमेंट के लिए बनेंगी कई नई कंपनियां; ये है तैयारी
टाटा मोटर्स के बाद, महिंद्रा ग्रुप (Mahindra Group Demerger Plan) भी अपने व्यवसायों को पुनर्गठित करने की योजना बना रहा है। कंपनी ट्रैक्टर, यात्री वाहन और ट्रकों जैसे मुख्य व्यवसायों को स्वतंत्र कंपनियों में विभाजित कर सकती है। इस पुनर्गठन का उद्देश्य कंपनी के विभिन्न व्यावसायिक संभावनाओं को उजागर करना है। ट्रैक्टर व्यवसाय को एक अलग कंपनी के रूप में स्थापित किया जा सकता है।

टाटा मोटर्स के बाद महिद्रा भी कर सकती है डीमर्जर
नई दिल्ली। हाल ही में टाटा मोटर्स ने डीमर्जर (Tata Motors Demerger) के बाद अपने पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल बिजनेस को अलग कर दिया। टाटा मोटर्स के बाद अब महिंद्रा ग्रुप भी कुछ इसी तरह की प्लानिंग कर रहा है। महिंद्रा ग्रुप अपने मेन बिजनेस यानी ट्रैक्टर, पैसेंजर व्हीकल (ईवी समेत) और ट्रकों को स्वतंत्र कंपनियों में विभाजित करने की योजना बना रहा है। ये ग्रुप का कई वर्षों में सबसे बड़ा रिस्ट्रक्चरिंग प्लान हो सकता है।
इस सेगमेंट पर महिंद्रा का खास फोकस
महिंद्रा में डीमर्जर की चर्चा अभी शुरुआती दौर में है। बता दें कि सभी बिजनेस सेगमेंट ग्रुप की प्रमुख कंपनी, महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) के अंतर्गत अलग-अलग सेगमेंट के रूप में कार्म करते हैं। पिछले पाँच वर्षों में, ऑटोमोटिव और कृषि उपकरण क्षेत्र (FES) दोनों सेगमेंट ने मजबूत वृद्धि दर्ज की है।
ऑटो ग्रोथ के चलते एसयूवी और ट्रैक्टर सेगमेंट में महिंद्रा की लीडरशिप मजबूत हुई है। इसलिए कंपनी का स्ट्रैटजिक फोकस अब ऑटोमोटिव बिजनेस की ओर बढ़ रहा है।
सभी बिजनेस सेगमेंट्स को स्वतंत्र बनाने की तैयारी
जहाँ कृषि इक्विपमेंट मानसून, ग्रामीण माहौल और सरकारी सब्सिडी पॉलिसी पर काफी निर्भर रहते हैं, वहीं ऑटो इंडस्ट्री एक बड़ी और ज्यादा स्थिर डेवलपमेंट प्रोवाइड करती है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कंपनी का ध्यान भविष्य के लिए तैयार रहने और सभी बिजनेस सेगमेंट्स को स्वतंत्र बनाने पर है। इससे कारोबारी संभावनाओं को उजागर करने और विस्तार में मदद मिल सकती है।
माना जा रहा है कि महिंद्रा के विभिन्न डिवीजनों के बीच प्रदर्शन के अंतर ने डीमर्जर जैसे कदम की जरूरत को मजबूत किया है।
ट्रैक्टर बिजनेस बन सकता है अलग कंपनी
अनुमान है कि अगर यह योजना आगे बढ़ती है, तो ट्रैक्टर कारोबार (साल 2007 में पंजाब ट्रैक्टर्स को खरीदने के बाद से महिंद्रा इस बाजार को लीड कर रही है) एक स्वतंत्र कंपनी के रूप में उभर सकता है। वित्त वर्ष 2025 में इसकी बाजार हिस्सेदारी 43.3% थी, जो वित्त वर्ष 2021 में 38.2% थी।
वहीं स्कॉर्पियो, थार, एक्सयूवी रेंज और बॉर्न इलेक्ट्रिक प्लेटफॉर्म जैसे सफल ब्रांड्स वाली पैसेंजर व्हीकल यूनिट एक और स्वतंत्र इकाई बन सकती है।
वहीं ट्रक और कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट को एक फोकस्ड सेगमेंट के रूप में डेवलप किए जाने की उम्मीद है। ऐसी भी चर्चा है कि एसएमएल इसुजु, जिसे महिंद्रा ने हाल ही में खरीदा है, इस बिजनेस का केंद्र बन सकती है।
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