सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड बनाएंगे निवेशकों को मालामाल, मिलेगा 153% रिटर्न; RBI ने किया प्रीमैच्योर रिडेम्पशन डेट का एलान
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2020-21 सीरीज-VII के प्रीमैच्योर रिडेम्पशन की तारीख और कीमत की घोषणा की है। निवेशकों को पांच वर्षों में 153% का रिटर्न मिलेगा। रिडेम्पशन मूल्य 12,792 रुपए प्रति यूनिट तय किया गया है। यह योजना निवेशकों को फिजिकल फॉर्म में सोना रखे बिना निवेश करने की अनुमति देती है और टैक्स बेनिफिट भी प्रदान करती है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर मिलेगा 150 फीसदी से अधिक रिटर्न
आईएएनएस, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bonds) 2020-21 सीरीज-VII के लिए प्रीमैच्योर रिडेम्पशन की तारीख और कीमत की घोषणा की है, जिससे निवेशकों को पांच वर्षों में 153 प्रतिशत का शानदार रिटर्न मिलेगा। 153 फीसदी रिटर्न का मतलब है निवेश राशि का ढाई गुना होना। यानी 4 लाख रुपये लगाने वालों के पैसे 10 लाख रुपये हो जाएंगे।
केंद्रीय बैंक की अधिसूचना के अनुसार, इस किस्त के निवेशक 20 अक्टूबर 2020 को जारी होने की तारीख से ठीक पांच वर्ष बाद प्रीमैच्योर रिडेम्पशन का विकल्प चुन सकते हैं।
क्या है प्रति यूनिट का रेट
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) द्वारा 15 से 17 अक्टूबर, 2025 के बीच प्रकाशित 999 शुद्धता वाले सोने के औसत क्लोजिंग प्राइस के आधार पर रिडेम्पशन मूल्य 12,792 रुपए प्रति यूनिट तय किया गया है।
एसजीबी सीरीज-VII मूल रूप से 20 अक्टूबर, 2020 को 5,051 रुपए प्रति ग्राम पर जारी किया गया था। इसका मतलब है कि निवेशकों को प्रति ग्राम 7,741 रुपए या लगभग 153 प्रतिशत का लाभ हुआ है, जिसमें निवेश अवधि के दौरान प्राप्त 2.5 प्रतिशत प्रति वर्ष का अतिरिक्त अर्धवार्षिक ब्याज शामिल नहीं है।
नहीं लगता कोई टैक्स
सरकार द्वारा शुरू की गई सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना निवेशकों को सोने को फिजिकल फॉर्म में रखे बिना उसमें निवेश करने की अनुमति देती है। प्रत्येक बॉन्ड की अवधि आठ वर्ष होती है, जिसमें पांच वर्ष बाद प्रीमैच्योर रिडेम्पशन का विकल्प होता है। निवेशकों को टैक्स बेनेफिट भी मिलता है, क्योंकि मैच्योरिटी के बाद रिडेम्पशन पर कोई कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं लगता है।
कैसे तय होता है बॉन्ड का रेट
रिडेम्पशन प्राइस, रिडेम्पशन तारीख से पहले के तीन वर्किंग डेज के लिए सोने (999 शुद्धता) के औसत समापन मूल्य का उपयोग कर निर्धारित किया जाता है। यह बाजार दरों से जुड़ा एक पारदर्शी और उचित मूल्यांकन सुनिश्चित करता है।
प्रीमैच्योर रिडेम्पशन का विकल्प
जो निवेशक प्रीमैच्योर रिडेम्पशन का विकल्प चुनना चाहते हैं, उन्हें एलिजिबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए जारी करने की तिथि और अपनी एसजीबी होल्डिंग्स की सीरीज की पुष्टि करनी होगी। उन्हें आरबीआई द्वारा निर्दिष्ट समय-सीमा के भीतर अपने संबंधित बैंकों, डाकघरों या अपने एसजीबी खातों का प्रबंधन करने वाले एजेंटों के माध्यम से अपनी रिडेम्पशन रिक्वेस्ट सबमिट करनी होगी।
इस घोषणा के साथ, आरबीआई ने एक बार फिर निवेश परिसंपत्ति के रूप में सोने के मजबूत प्रदर्शन पर प्रकाश डाला है, जो स्थिरता और आकर्षक दीर्घकालिक रिटर्न दोनों प्रदान करता है।
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