NPS to UPS: सरकारी कर्मचारी अब ऑफलाइन भी भर सकते हैं फॉर्म, 30 सितंबर है लास्ट डेट; क्या हैं यूपीएस के फायदे?
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने केंद्रीय कर्मचारियों से कहा है कि वे यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का विकल्प समय पर चुन लें और 30 सितंबर 2025 की डेडलाइन से पहले फॉर्म जमा कर दें। दरअसल ऑनलाइन पोर्टल पर तकनीकी गड़बड़ियों की शिकायतें आने के बाद अब ऑफलाइन सबमिशन की सुविधा भी खोल दी गई है।

नई दिल्ली| सरकारी नौकरी करने वालों के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग से जुड़ी अहम खबर है। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने केंद्रीय कर्मचारियों से कहा है कि वे यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का विकल्प समय पर चुन लें और 30 सितंबर 2025 की डेडलाइन से पहले फॉर्म जमा कर दें। दरअसल, ऑनलाइन पोर्टल पर तकनीकी गड़बड़ियों की शिकायतें आने के बाद अब ऑफलाइन सबमिशन की सुविधा भी खोल दी गई है।
UPS क्या है और कब शुरू हुई?
UPS को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया गया। यह स्कीम राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (NPS) का विकल्प है और इसमें कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन मिलती है। ध्यान रहे, अगर कोई कर्मचारी 30 सितंबर के बाद NPS में बना रहता है तो वह आगे चलकर UPS में स्विच नहीं कर पाएगा।
अब तक कितने कर्मचारी जुड़े?
अब तक 31,500 से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी UPS को चुन चुके हैं। सरकार ने एक बार के लिए वापस NPS में लौटने का विकल्प भी दिया है। यह विकल्प कर्मचारी रिटायरमेंट से एक साल पहले या वॉलंटरी रिटायरमेंट से तीन महीने पहले तक ले सकते हैं।
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कौन कर सकता है UPS का चुनाव?
वे कर्मचारी जिन्होंने 1 अप्रैल से 31 अगस्त 2025 के बीच जॉइन किया। जो पहले NPS में थे, लेकिन अब UPS में आना चाहते हैं। जिन पर निलंबन या अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं चल रही।
UPS में मिलेंगे इतने बड़े फायदे
- गारंटीड पेंशन- 25 साल सेवा के बाद अंतिम 12 महीनों के औसत बेसिक पे का 50%।
- न्यूनतम पेंशन- कम से कम ₹10,000 प्रतिमाह (10 साल की सेवा के बाद)।
- फैमिली पेंशन- जीवनसाथी को अंतिम पेंशन का 60%।
- महंगाई भत्ता (DA)- महंगाई से जुड़ा एडजस्टमेंट, जैसे काम कर रहे कर्मचारियों को मिलता है।
- लमसम बेनिफिट- हर छह महीने की पूरी सेवा पर वेतन का 10%।
- साथ ही ग्रेच्युटी, टैक्स बेनिफिट और CCS नियमों के तहत अन्य सुविधाएं भी।
NPS बनाम UPS
UPS का फायदा है पक्की पेंशन और महंगाई से सुरक्षा , जबकि NPS में पैसा मार्केट से जुड़ा होता है, जहां रिटर्न ज्यादा भी हो सकते हैं लेकिन गारंटी नहीं होती। PFRDA ने साफ कहा है कि कर्मचारी जल्दी फॉर्म भरें और ऑनलाइन दिक्कत होने पर ऑफलाइन सुविधा का इस्तेमाल करें। इससे कोई भी सरकारी कर्मचारी अपने रिटायरमेंट का सुरक्षित विकल्प मिस नहीं करेगा।
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