किस Mutual Fund में पैसा रहेगा ज्यादा सेफ? यहां होता है सबसे कम रिस्क; सिर्फ हाई रिटर्न के लिए निवेश पर हो सकता है नुकसान
भारत में म्यूचुअल फंड निवेशकों (Safe Mutual Funds) के लिए एक लोकप्रिय विकल्प है, जिसे शेयर बाजार से अधिक सुरक्षित माना जाता है। ओवरनाइट फंड और लिक्विड फंड सबसे सुरक्षित माने जाते हैं, क्योंकि ये कम जोखिम वाले इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं। कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड सुरक्षा और विकास के बीच संतुलन बनाते हैं, जबकि गिल्ट फंड सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं।

ये होते हैं सबसे सेफ म्यूचुअल फंड्स
नई दिल्ली। भारत में म्यूचुअल फंड के करोड़ों निवेशक हैं। अधिकतर निवेशक इनमें इसलिए पैसा लगाते हैं, क्योंकि म्यूचुअल फंड को शेयर बाजार के मुकाबले ज्यादा सेफ (Safe Investment Option) माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि डायरेक्ट इक्विटी मार्केट में निवेश में अधिक जोखिम होता है, क्योंकि लोगों को शेयर बाजार की उतनी जानकारी नहीं होती।
वहीं म्यूचुअल फंड में निवेशकों का पैसा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एक्सपर्ट पूरी रिसर्च के साथ निवेश करते हैं। इसलिए वो ज्यादा सेफ होते हैं। मगर म्यूचुअल फंड में भी जोखिम होता है, खासकर इक्विटी फंड में। ऐसे में कौन से म्यूचुअल फंड अधिक सेफ होते हैं, आइए जानते हैं।
ऐसे तय होती है सेफ्टी
भारत में परंपरागत निवेशकों के लिए सबसे सुरक्षित म्यूचुअल फंड ओवरनाइट फंड और लिक्विड फंड हैं। कोई भी म्यूचुअल फंड पूरी तरह से रिस्क-फ्री नहीं होता, इसलिए इन्हें रिस्क को कम करने और स्टेबल रिटर्न देने के लिए डिजाइन किया गया है जो आम तौर पर सेविंग अकाउंट से ज्यादा होता है।
सेफ्टी का लेवल फंड के टाइप, आपके इन्वेस्टमेंट टाइमलाइन और आपकी रिस्क लेने की क्षमता पर निर्भर करता है।
ये 4 फंड अधिक सेफ
Overnight funds - ये सबसे सुरक्षित तरह के म्यूचुअल फंड हैं, क्योंकि ये ऐसे डेट इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट करते हैं जो सिर्फ एक बिजनेस दिन में मैच्योर हो जाते हैं। इनमें रिस्क बहुत कम होता है, क्योंकि इनका अधिकतर निवेश सरकारी बॉन्ड में होता है।
Liquid Funds - ये फंड शॉर्ट-टर्म डेट इंस्ट्रूमेंट्स और मनी मार्केट सिक्योरिटीज के एक डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो में इन्वेस्ट करते हैं, जो 91 दिनों के अंदर मैच्योर हो जाते हैं। इनमें भी रिस्क बहुत कम होता है, पर ये ओवरनाइट फंड्स की तुलना में थोड़े ज्यादा रिस्की होते हैं, लेकिन शॉर्ट मैच्योरिटी के कारण ज्यादा रिटर्न और कम इंटरेस्ट रेट रिस्क देते हैं।
Conservative Hybrid Funds - ये फंड डेट इंस्ट्रूमेंट्स में बड़ा हिस्सा (80-90%) और इक्विटी में छोटा हिस्सा (10-20%) इन्वेस्ट करके सेफ्टी और ग्रोथ के बीच बैलेंस बनाए रखते हैं। इनमें रिस्क मीडियम रहता है। ज्यादा डेट एलोकेशन वोलैटिलिटी को कंट्रोल में रखता है, जबकि लिमिटेड इक्विटी एक्सपोजर कुछ ग्रोथ का पोटेंशियल देता है।
Gilt Funds - इस तरह का डेट फंड अपनी कुल एसेट्स का कम से कम 80% सरकारी सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट करता है। इन सिक्योरिटीज का "गिल्ट-एज्ड" नेचर का मतलब है कि इन्हें सरकार का सपोर्ट मिला हुआ है।
इनमें रिस्क बहुत कम होता है। हालांकि, गिल्ट फंड्स की वैल्यू इंटरेस्ट रेट में बदलाव के प्रति बहुत ज्यादा सेंसिटिव हो सकती है, इसलिए इनमें इंटरेस्ट रेट का रिस्क होता है।
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(डिस्क्लेमर: यहां निवेश की राय नहीं दी गयी है। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। कहीं भी निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)

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