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    मद्रास हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, Cryptocurrency को माना जाएगा प्रॉपर्टी; निवेशकों पर क्या होगा असर?

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 12:16 PM (IST)

    मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) भारतीय कानून के तहत संपत्ति है, जिस पर मालिकाना हक हो सकता है। जस्टिस आनंद वेंकटेश ने कहा कि भले ही यह एक अमूर्त चीज है, लेकिन इसमें संपत्ति के गुण हैं। यह फैसला वज़ीरएक्स पर एक निवेशक की याचिका पर आया, जिसके एक्सआरपी होल्डिंग्स को साइबर हमले के बाद फ्रीज कर दिया गया था। कोर्ट ने यह भी कहा कि क्रिप्टोकरेंसी वर्चुअल डिजिटल एसेट है और इस पर टैक्स लगता है।

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    क्रिप्टोकरेंसी को भारतीय कानून के तहत प्रॉपर्टी माना जाएगा

    नई दिल्ली। मद्रास हाई कोर्ट ने शनिवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को भारतीय कानून के तहत प्रॉपर्टी माना जाएगा, जिस पर मालिकाना हक हो सकता है और जिसे ट्रस्ट में रखा जा सकता है। कोर्ट ने ये बात रुतिकुमारी बनाम जनमाई लैब्स प्राइवेट लिमिटेड मामले में कही है।
    जस्टिस आनंद वेंकटेश ने कहा कि हालांकि क्रिप्टोकरेंसी एक इनटैंजिबल चीज है और लीगल टेंडर नहीं है, लेकिन इसमें प्रॉपर्टी की जरूरी खासियतें हैं।

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    ये है पूरा मामला

    बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार यह फैसला एक इन्वेस्टर (एप्लीकेंट) द्वारा दायर एक याचिका पर आया, जिसके WazirX प्लेटफॉर्म पर रखे XRP होल्डिंग्स को 2024 के साइबर हमले के बाद फ्रीज कर दिया गया था।
    एप्लीकेंट ने जनवरी 2024 में जानमाई लैब्स द्वारा चलाए जा रहे WazirX एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर ₹1,98,516 इन्वेस्ट किए थे और 3,532.30 XRP कॉइन खरीदे थे। उसे एक पोर्टफोलियो अकाउंट दिया गया था और वह उसके मोबाइल नंबर और ईमेल एड्रेस से रजिस्टर्ड किया गया था।

    टैक्सेबल है क्रिप्टोकरेंसी

    कोर्ट ने कहा कि भारतीय कानून के हिसाब से, क्रिप्टोकरेंसी को एक वर्चुअल डिजिटल एसेट माना जाता है और इसे स्पेक्यूलेटिव वाला ट्रांजैक्शन नहीं माना जाता। ऐसा इसलिए है क्योंकि यूजर द्वारा किया गया इन्वेस्टमेंट क्रिप्टोकरेंसी में बदल जाता है, जिसे स्टोर, ट्रेड और बेचा जा सकता है।
    क्रिप्टोकरेंसी को एक वर्चुअल डिजिटल एसेट कहा जाता है और यह इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 2(47A) के तहत आता है।

     

    निवेशकों पर असर

    कोर्ट का ये फैसला क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के लिए लाभदायक हो सकता है। क्योंकि इससे क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भरोसा बढ़ सकता है।

     

    कब हुआ था साइबर अटैक

    आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 18 जुलाई 2024 को WazirX ने अपनी वेबसाइट पर अनाउंस किया कि उसके एक कोल्ड वॉलेट पर साइबरअटैक हुआ है, जिससे एथेरियम और एथेरियम-बेस्ड टोकन (ERC-20) का नुकसान हुआ है।
    एक्सचेंज ने तब लगभग 2020 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसके बाद उसने एप्लीकेंट के अकाउंट समेत सभी यूजर खाते फ्रीज कर दिए, जिससे वह अपने XRP होल्डिंग्स को एक्सेस या ट्रेड नहीं कर पाई।

    याचिका का हुआ विरोध

    एप्लिकेंट ने दावा किया कि उसकी संपत्ति चोरी हुए एथेरियम टोकन से अलग थी और WazirX ने उसे कस्टोडियन के तौर पर ट्रस्ट में रखा हुआ था। इसने कंपनी को अपना पोर्टफोलियो दोबारा बांटने या री-एलोकेट करने से रोकने के लिए आर्बिट्रेशन एंड कॉन्सिलिएशन एक्ट, 1996 की धारा 9 के तहत रोक लगाने की मांग की।

    इस मामले में एप्लिकेंट के रेस्पोंडेंट्स जानमाई लैब्स और उसके डायरेक्टर्स ने इस याचिका का विरोध किया।

    उन्होंने दलील की एक्सचेंज की सिंगापुर स्थित पेरेंट कंपनी, जेट्टाई प्राइवेट लिमिटेड ने साइबर हमले के बाद रीस्ट्रक्चरिंग की कार्यवाही शुरू की थी और सिंगापुर हाई कोर्ट द्वारा मंजूर की गई एक अरेंजमेंट स्कीम के तहत सभी यूजर्स को नुकसान को प्रो-राटा बेसिस पर शेयर करना होगा।

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