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    MF SIP के लिए चुना है ऑटो-डेबिट ऑप्शन, तो एक दिन पहले खाते में रखें पैसा, वरना लग सकता है तगड़ा चार्ज

    म्यूचुअल फंड एसआईपी (Mutual Fund SIP) में ऑटो डेबिट के माध्यम से निवेश करने वाले लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एसआईपी की डेट से एक दिन पहले उनके खाते में पर्याप्त राशि हो। ऐसा इसलिए है क्योंकि निवेश प्लेटफॉर्म रात में कभी भी राशि निकालने के लिए मैंडेट भेज सकता है। कम बैलेंस होने पर ECS रिजेक्शन चार्ज लग सकता है जो 100-750 रुपये तक हो सकता है।

    By Kashid Hussain Edited By: Kashid Hussain Updated: Thu, 21 Aug 2025 02:11 PM (IST)
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    एसआईपी डेट से एक दिन पहले रखें अकाउंट में पैसा

    नई दिल्ली। बीते कुछ सालों में लोगों का ध्यान म्यूचुअल फंड एसआईपी (Mutual Fund SIP) की तरफ बढ़ा है। अधिकतर लोग एसआईपी में ऑटो डेबिट का ऑप्शन चुनते हैं, जिसके तहत आपकी एसआईपी राशि चुनी हुई डेट पर बैंक खाते से ऑटोमैटिक डेबिट हो जाती है।

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    मगर यदि एसआईपी की डेट आ जाए और आपके खाते में एसआईपी का राशि न हो तो आपको जुर्माना देना पड़ सकता है। जी हां, इसलिए आपको ये जानना जरूरी है कि आपको कब अपने बैंक खाते में एसआईपी राशि रखनी होनी चाहिए।

    कब होनी चाहिए एसआईपी राशि

    बता दें कि बेहतर ये है कि आप एसआईपी डेट से एक दिन पहले ही अपने खाते में एसआईपी राशि रखें। उसकी वजह ये है कि रात में 12 बजे के बाद कभी भी आपका इंवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म ऐप एसआईपी राशि को डेबिट करने के लिए आपके बैंक के पास एक मैंडेट भेजता है।

    यदि आपके खाते में कम बैलेंस हो तो वो मैंडेट कैंसल हो जाएगा और बैंक आप पर ECS (Electronic Clearing Service) रिजेक्शन चार्ज लगाएगा। ECS को NCH (National Automated Clearing House) मैंडेट/चार्ज भी कहते हैं।

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    क्यों रखे एक दिन पहले पैसा

    रात में तारीख बदलने के बाद आपका इंवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म कभी भी मैंडेट भेज सकता है। इसलिए आपको उससे पहले ही पैसा रखना चाहिए। रात में आपको फंड का इंतजाम करना या याद रहे न रहे, इसलिए कोशिश करें कि एक दिन पहले दिन में ही अकाउंट में फंड रखें।

    हालांकि यदि आपका बैंक एसआईपी की डेट पर दोपहर या शाम को मैंडेट भेजता है तो उससे पहले तक एसआईपी राशि खाते में रखकर आप चार्ज से बच सकते हैं।

    कितना लगता है चार्ज

    बता दें कि अलग-अलग बैंक ECS/NACH मैंडेट कैंसल होने पर अलग-अलग चार्ज लेते हैं। ये चार्ज 100-750 रु तक हो सकता है। इतना ही नहीं आपको इस चार्ज के साथ जीएसटी भी देना होगा। हालांकि एसआईपी कैंसल होने पर आपका इंवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म आपसे कोई चार्ज नहीं लेगा।