क्या मकान मालिक जब चाहे किराया बढ़ा सकता है? इन तरीकों से आप रोक सकते हैं उसकी मनमानी, जानें अपने अधिकार
भारत में मकान मालिक अचानक से किराया (Rent Hike Rules) नहीं बढ़ा सकते। उन्हें किरायेदार को 30-60 दिन पहले नोटिस देना होगा। हर राज्य में किराया वृद्धि की सीमा 5-10% तक तय है। किराए का एग्रीमेंट करना ज़रूरी है जिसमें किराया बढ़ाने की अवधि और राशि लिखी होनी चाहिए। प्रॉपर्टी की खराब हालत में किरायेदार किराया वृद्धि का विरोध कर सकते हैं।
नई दिल्ली। बीते कई दशकों से ऐसा होता आ रहा है कि लोग नौकरी या किसी अन्य काम की तलाश में गांवों से शहरों का रुख करते हैं। पर यहां वे अपना घर नहीं खरीद पाते, इसलिए किराए पर रहते हैं। हालांकि किराए पर रहने में एक दिक्कत तब आती है, जब मकान मालिक अचानक किराया बढ़ाने लगता है और अधिक किराया न देने पर घर खाली करने को कहता है।
पर क्या मकान मालिक अचानक किराया बढ़ा सकता है? क्या आपके उस स्थिति में कुछ ऑप्शन होते हैं, आइए जानते हैं।
अचानक किराया नहीं बढ़ा सकते
मकान मालिक अचानक कभी भी किराया नहीं बढ़ा सकता। पहली चीज कि उसे 30-60 दिन पहले किराएदार को किराया बढ़ाने से संबंधित एक नोटिस देना होगा। दूसरी बात कि कितना किराया बढ़ाया जा सकता है, ये भी नियमों के तहत तय होता है।
कितना बढ़ा सकता है किराया
मकान मालिक कितना किराया बढ़ा सकता है, इसके लिए हर राज्य में अलग-अलग नियम बने हुए हैं। आम तौर पर ये लिमिट 5-10 फीसदी तक हो सकती है। इसलिए इस मामले में भी मकान मालिक अपनी मनमानी नहीं चला सकता।
एग्रीमेंट जरूर करें
किराए का एग्रीमेंट जरूर करें, जो कि 11 महीने या 1 साल का या इससे अधिक का भी हो सकता है। किराए में किराया बढ़ाने की भी अवधि लिखी जाती है। इसके आधार पर भी मकान मालिक उस तय समय तक किराया नहीं बढ़ा पाएगा। एग्रीमेंट में कितना किराया बढ़ेगा ये भी शामिल करें।
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प्रॉपर्टी की खराब कंडीशन का मुद्दा उठाएं
जब मकान मालिक प्रॉपर्टी की समस्या को नजरअंदाज करे या सुविधाएं कम कर दे, तो किरायेदार किराए में बढ़ोतरी का विरोध कर सकते हैं। खराब मरम्मत या बिगड़ती हालत आपको बढ़े हुए किराए को चुनौती देने का आधार देती है।
मगर रेनोवेशन के मामले में मकान मालिक किराया बढ़ा सकता है। पर इसकी भी एक लिमिट है। जैसे कि दिल्ली में नियमों के अनुसार ये लिमिट 7.5 फीसदी है।
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