Tax रिटर्न फाइल करने में हो गयी गलती, तो न लें टेंशन, ऐसे Free में सबमिट करें Revised ITR, जानें स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस
इस लेख में आईटीआर ई-फाइलिंग (ITR Filing Process) में हुई गलतियों को सुधारने के तरीके बताए गए हैं। यदि आपने आईटीआर फाइल करते समय कोई गलती की है तो आप 31 दिसंबर 2025 तक रिवाइज्ड आईटीआर सबमिट कर सकते हैं। इसके लिए आपको इनकम टैक्स पोर्टल पर जाकर सही जानकारी भरनी होगी। यह सुविधा उन लोगों के लिए है जिन्होंने निर्धारित समय सीमा में अपना ऑरिजनल आईटीआर दाखिल किया हो।
नई दिल्ली। इस समय भारत में टैक्स सीजन चल रहा है। वैसे तो पिछले कुछ सालों में आईटीआर ई-फाइलिंग (ITR E-Filling) काफी आसान हो गई है, फिर भी यह प्रोसेस पहली बार आईटीआर फाइल (ITR Filing Process) करने वालों के लिए मुश्किल हो सकती है। इसलिए, हम आपको बताएंगे कि अगर आपने आईटीआर फाइल करते समय कोई गलती कर दी, तो आप उसे सुधारने के लिए कैसे रिवाइज्ड आईटीआर सबमिट कर सकते हैं। इसका तरीका का जानने के लिए खबर को अंत तक जरूर पढ़ें।
कब है आईटीआर फाइल करने की लास्ट डेट
इस साल लेट रिटर्न के लिए बिना जुर्माने के अपना आईटीआर फाइल करने की लास्ट डेट 15 सितंबर 2025 है। आप 31 दिसंबर 2025 तक लेट आईटीआर फाइल कर सकते हैं, लेकिन इसमें आपको ₹1,000 से ₹10,000 तक का जुर्माना देना होगा, जो आपकी टैक्स राशि के हिसाब से तय किया जाएगा।
ITR फाइल करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
- पैन और आधार लिंक हो
- वो बैंक अकाउंट वैलिडेट हो, जिसमें आप अपना रिफंड लेना चाहते हैं
- रिटर्न फाइल करते समय सही आईटीआर फॉर्म चुनें
- आईटीआर निर्धारित समय में फाइल करें और चेक करें कि रिटर्न के लिए ई-वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरी हो
- नोटिस (यदि कोई आए) का जवाब तय समय के भीतर दाखिल करें
गलती हो जाए तो क्या करें
आयकर विभाग के अनुसार जिन टैक्सपेयर्स ने आईटीआर में कोई गलती की, वे रिवाइज्ड रिटर्न के ज़रिए उसे सुधार सकते हैं। रिवाइज्ड रिटर्न फाइल होने के बाद ऑरिजनल आईटीआर की जगह ले लेता है।
इन गलतियों के लिए फाइल करें नया आईटीआर
- अनजाने में गलत इनकम की जानकारी
- पर्सनल जानकारी में गलती
- डिडक्शन क्लेम भूल जाना
- आईटीआर फॉर्म बदलना
- गलत टैक्स कैलकुलेशन
- टैक्स लायबिलिटी में बदलाव
- यदि आपको टैक्स नोटिस मिले, तो उसके हिसाब से बदलाव करें
रिवाइज्ड रिटर्न के लिए लास्ट डेट
आप 31 दिसंबर 2025 तक रिवाज्ड रिटर्न फाइल कर सकते हैं, बशर्ते कि आपने अपना ऑरिजनल आईटीआर ड्यू डेट (15 सितंबर) तक दाखिल किया हो। रिवाज्ड रिटर्न दाखिल करने की कोई सीमा नहीं है और इस सुविधा का उपयोग करने पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा।
आप लेट रिटर्न के लिए भी कैलेंडर वर्ष के अंत तक रिवाज्ड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। यहां तक कि आप रिफंड मिलने के बाद भी रिवाज्ड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं ,-बशर्ते यह 31 दिसंबर से पहले किया जाए।
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कैसे फाइल करें रिवाइज्ड ITR
- ऑफिशियल इनकम टैक्स पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन या अपने अकाउंट में लॉग इन करें, असेसमेंट ईयर चुनें, सही आईटीआर फॉर्म चुनें और उसे डाउनलोड करें
- फ़ॉर्म में सही जानकारी भरें, ऑरिजनल आईटीआर फ़ॉर्म की रिसीट नंबर और डेट डालें, XML डॉक्यूमेंट को वेरिफाई और जनरेट करें
- XML डॉक्यूमेंट मिलने के बाद, फॉर्म में किसी भी गलती की जाँच करें, ई-फाइलिंग सेक्शन पर वापस जाएँ, अपलोड रिटर्न चुनें, सही फॉर्म चुनें और अपलोड करें
- रिवाइज्ड आईटीआर फॉर्म जमा करें और आधार ओटीपी या नेट बैंकिंग या पोस्टल मेल के जरिए ऑफलाइन अपने रिटर्न का ई-वेरिफिकेशन करें
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