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    इन राज्यों में हैं सबसे ज्यादा MSME, ये रही टॉप 10 की लिस्ट; पहले नंबर पर कौन?

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 09:14 AM (IST)

    सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो GDP में 30% का योगदान करते हैं। कृषि के बाद, यह रोजगार का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है और निर्यात में 45% हिस्सेदारी रखता है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक MSME हैं, इसके बाद उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु हैं। सरकार MSME को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से बढ़ावा दे रही है, जिससे GeM को महत्वपूर्ण सफलता मिली है।

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    महाराष्ट्र में हैं सबसे अधिक एमएसएमई, दूसरे नंबर पर यूपी

    नई दिल्ली। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) भारतीय इकोनॉमी के लिए बहुत जरूरी हैं। ये सेक्टर देश की GDP में लगभग 30% का योगदान देता है। वहीं खेती के बाद ये दूसरा सबसे अधिक रोजगार पैदा करने वाला सेक्टर है। एक्सपोर्ट में एमएसएमई की 45% हिस्सेदारी है।
    एमएसएमई को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रीढ़ की हड्डी भी कहा जाता है और यही सेक्टर एंटरप्रेन्योरशिप और लोकल डेवलपमेंट को बढ़ावा देते हुए शहरी-ग्रामीण खाई को पाटता है। आइए जानते हैं कि किस राज्य में सबसे अधिक एमएसएमई हैं।

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    सरकारी आंकड़ों के अनुसार ये हैं सर्वाधिक MSME वाले टॉप 10 राज्य

    1. महाराष्ट्र - 9,261,843
    2. यूपी - 7,639,330
    3. तमिलनाडु - 5,685,510
    4. पश्चिम बंगाल - 4,805,818
    5. कर्नाटक - 4,601,100
    6. एमपी - 4,391,194
    7. राजस्थान - 4,013,209
    8. गुजरात - 3,984,013
    9. बिहार - 3,799,852
    10. आंध्र प्रदेश - 3,585,382

    इन राज्यों में 10 लाख से अधिक MSME

    1. ओडिशा - 2,191,801
    2. पंजाब - 1,965,213
    3. हरियाणा - 1,812,502
    4. केरल - 1,693,190
    5. झारखंड - 1,406,844
    6. असम - 1,315,878
    7. दिल्ली - 1,306,991
    8. छत्तीसगढ़ - 1,220,318

    भारत में कुल कितनी एमएसएमई

    सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस समय भारत में कुल 7,03,70,592 रजिस्टर्ड हैं। इनमें सूक्ष्म उद्यमों की संख्या 4,15,73,094 है। वहीं छोटे उद्यम 4,83,258 और मध्य साइज के 36,347 उद्यम हैं।

    सरकार लगातार कर रही है प्रयास

    सरकार MSMEs को डिजिटल प्लेटफॉर्म, खासकर गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) के जरिए अपने प्रोडक्ट्स बेचने के लिए काफी सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है। मार्च 2024 तक, GeM ने 58 लाख ऑर्डर पूरे किए, जिनकी कीमत 3,87,006 करोड़ रुपये रही, जिसमें 148,245 प्राइमरी खरीदार और 215,743 सेकेंडरी खरीदार शामिल रहे।
    यह प्लेटफॉर्म मंत्रालयों और PSUs के लिए पब्लिक प्रोक्योरमेंट का एक जरूरी टूल बन गया है।

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