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    यूएस टैरिफ से MSME सेक्टर भी हुआ प्रभावित, अब सरकार उठाएगी मदद के लिए कदम; लॉन्च होगी नई स्कीम

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 10:42 AM (IST)

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ (Trump Tarrifs) से प्रभावित MSME को राहत देने के लिए सरकार कदम उठाने जा रही है। टेक्सटाइल, अपैरल और कारपेट जैसे सेक्टरों को मदद मिलेगी। अमेरिकी सरकार ने भारतीय एक्सपोर्ट पर 50% तक टैरिफ लगाया है। सरकार क्रेडिट सपोर्ट स्कीम के माध्यम से एक्सपोर्टर्स को अमेरिकी बाजार में होने वाले नुकसान से बचाने और नए बाजार खोजने में मदद करेगी।

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    एमएसएमई सेक्टर की मदद के लिए सरकार उठाएगी कदम

    नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर जो टैरिफ लगाए हैं, उनसे देश के माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) पर भी निगेटिव प्रभाव पड़ा है। अब इसी प्रभाव से निपटने के लिए सरकार कुछ कदम उठाने जा रही है।
    सरकार का प्लान जल्द ही टेक्सटाइल, अपैरल, कारपेट जैसे सेक्टर्स में छोटे और मध्य कारोबारों की मदद के लिए कुछ कदम उठाने का है। ये वे सेक्टर हैं, जिन पर अमेरिकी टैरिफ का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है।

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    बेरोजगारी और NPA बढ़ना चिंता की बात

    यूएस टैरिफ से प्रभावित सेक्टर्स के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम के अलावा भी कई अन्य उपाय किए जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार जल्द उन MSME की मदद के लिए 4-5 कदम उठाएगी, जिन पर US टैरिफ का सबसे ज्यादा असर पड़ा है।
    इन सेक्टर्स में नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स के बढ़ने और बेरोजगारी को प्रमुख चिंता का विषय माना जा रहा है। इसीलिए सरकार कुछ जरूरी कदम उठाने जा रहा है।

    किन सेक्टरों पर लगा टैरिफ

    अमेरिकी सरकार टेक्सटाइल, कपड़ों, कालीन, रत्न, ज्वैलरी और सी-फूड इंडस्ट्री जैसी चीजों के भारतीय एक्सपोर्ट पर कुल 50% का टैरिफ लगा चुकी है। इससे पहले वित्त मंत्रालय ने कहा था कि टैरिफ से प्रभावित MSME की मदद की जाएगी और इसके लिए एक नई क्रेडिट सपोर्ट स्कीम बनाई जाएगी।
    नई क्रेडिट सपोर्ट स्कीम जल्द से जल्द शुरू हो सकती है। सरकार के उपायों का मकसद एक्सपोर्टर्स को अमेरिकी बाजार में कम कॉम्पिटिशन की वजह से होने वाले नुकसान से बचाना है। इसके अलावा उन्हें नए बाजार खोजने में भी मदद की जाएगी।

    एमएसएमई की और क्या हैं समस्या

    MSME के सामने पेमेंट में देरी की वजह से कैपिटल की कमी हो रही है और लगभग 40 लाख करोड़ रुपये के क्रेडिट एक्सपोजर के साथ ये दिक्कत और गहरा सकती है। इससे NPA (लोन चुकाने में असफलता) भी हो सकते हैं। क्रिसिल रेटिंग्स के अनुसार, US टैरिफ की वजह से बैंकिंग सिस्टम के MSME पोर्टफोलियो में ग्रॉस NPA FY25 में 3.59% से बढ़कर FY26 के आखिर तक लगभग 3.9% तक पहुंच सकते हैं।
    क्रिसिल के अनुसार MSME लोन अभी बैंकिंग सिस्टम में कुल बकाया क्रेडिट का लगभग 17% हैं।

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