यूएस फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में किया 25 बेसिस पॉइंट्स कटौती का एलान, अब इतनी रह गई उधार दर; क्या RBI भी देगा खुशखबरी?
अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fed Rate Cut) ने बेंचमार्क लेंडिंग रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की है, जिससे ओवरनाइट लेंडिंग रेट 3.75 से 4 फीसदी के बीच हो गई है। आर्थिक गतिविधियों में मध्यम गति से वृद्धि हो रही है, जबकि महंगाई में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है। यूएस फेड ने क्वांटिटेटिव टाइटनिंग खत्म करने का संकेत दिया है, जिससे वित्तीय प्रणाली में तरलता बढ़ने की उम्मीद है।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में की कटौती
नई दिल्ली। अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fed Rate Cut) ने 29 अक्टूबर को बेंचमार्क लेंडिंग रेट (उधार दर) में 25 बेसिस पॉइंट्स (0.25 फीसदी) की कटौती की। बता दें कि यूएफ फेड से रेट कट की उम्मीद भी की जा रही थी। ओवरनाइट लेंडिंग रेट अब 3.75 से 4 फीसदी के बीच हो गयी है।
यूएस फेड के ब्याज दरें घटाने से अगले महीने आरबीआई के भी रेपो रेट में कटौती की संभावना बन गई है। जानकारों का अनुमान है कि दिसंबर में आरबीआई भी ब्याज दरें घटा सकता है।
इंडिकेटर्स के अनुसार अमेरिका में इकोनॉमिक एक्टिविटी मीडियम स्पीड से बढ़ रही है। अमेरिकी सेंट्रल बैंक ने कहा है कि इस साल जॉब ग्रोथ धीमी हुई है,और बेरोजगारी दर थोड़ी बढ़ी है लेकिन अगस्त तक कम बनी हुई है; हाल के इंडिकेटर्स इन डेवलपमेंट्स से मिलते-जुलते हैं। महंगाई साल की शुरुआत से बढ़ी है और थोड़ी ज्यादा बनी हुई है।
इकोनॉमिक आउटलुक को लेकर अनिश्चितता बरकरार
फेडरल रिजर्व ने क्वांटिटेटिव टाइटनिंग खत्म करने का संकेत दिया, जिससे फाइनेंशियल सिस्टम में लिक्विडिटी बेहतर होने की उम्मीद है। इसी तरह क्रेडिट की आसान शर्तों को सपोर्ट मिल सकता है। यूएस फेड ने कहा कि इकोनॉमिक आउटलुक को लेकर अनिश्चितता अभी भी ज्यादा बनी हुई है।
और कटौती का है अनुमान
यूएस फेड ने अपनी पिछली मीटिंग में दिसंबर 2024 के बाद पहली बार लेंडिंग रेट में कटौती की थी। संभावना जताई जा रही है कि अगली मीटिंग में एक बार फिर से 25 बेसिस पॉइंट्स की एक और कटौती की जा सकती है, जिससे ब्याज दर रेट 3.5 फीसदी से 3.75 फीसदी के बीच आ जाएगी।
इंफ्लेशन का क्या है हाल
अमेरिका में कोर इन्फ्लेशन लगातार तीन महीनों से 3 फीसदी पर स्थिर है, जो फेडरल रिजर्व के 2 फीसदी के टार्गेट से लगभग 100 बेसिस पॉइंट्स (1 फीसदी) ज्यादा है। इससे नरम रुख वाले पॉलिसी मेकर्स के पास और ढील देने की गुंजाइश कम रह गई है।
हालांकि, बेरोजगारी के दावों (Unemployment Claims) में बढ़ोतरी और लेबर मार्केट में कमजोरी के संकेतों ने धीमी होती इकॉनमी को सपोर्ट करने के लिए और रेट कट की दलीलों को मजबूत किया है।

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