पॉलिसी खरीदने से लेकर क्लेम सेटलमेंट तक, Bima Sugam पर मिलेंगी सभी सुविधाएं, IRDAI के चेयरमैन ने दी जानकारी
Bima Sugam एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म होगा जहां सभी बीमा पॉलिसी को लिस्ट किया जाएगा। ग्राहक यहां अपनी पसंद की बीमा पॉलिसी चुन सकते हैं। पॉलिसीहोल्डर अपनी सभी पॉलिसी को एक ही प्लेटफॉर्म पर एक्सेस कर सकेंगे। क्लेम सेटलमेंट भी यहीं हो जाएगा।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Bima Sugam: बीमा नियामक आईआरडीएआई (IRDAI) बीमा सुगम पर तेजी से काम कर रहा है। यह बीमा पॉलिसी की बिक्री, नवीनीकरण और दावों के निपटान सहित कई सेवाओं के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगा। आईआरडीएआई का यह कदम बीमा क्षेत्र में एक गेम चेंजर हो सकता है।
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के चेयरमैन देबाशीष पांडा ने पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि बीमा उद्योग के लिए बीमा सुगम UPI जैसी क्रांति ला सकता है। जिस तरह यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने देश में डिजिटल भुगतान में क्रांति ला दी है, बीमा सुगम भी ऐसा करने में सक्षम होगा। यह एक शॉपिंग मॉल की तरह होगा। आप आएं, अपनी पंसद का प्लान या प्रोडक्ट चुनें और पेमेंट के बाद पॉलिसीहोल्डर बन जाएं।
मिलेंगी ये सुविधाएं
बीमा सुगम, बीमा पॉलिसी खरीदने और बेचने के अलावा दावों के निपटान के लिए भी वन-स्टॉप शॉप की तरह काम करेगा। सभी बीमा कंपनियां इस प्लेटफॉर्म पर आ सकती हैं। यह एपीआई (एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) के साथ जुड़ने जा रहा है। Insurance Regulatory and Development Authority of India के चेयरमैन देबाशीष पांडा ने कहा कि व्यक्तिगत एजेंट्स, वेब एग्रीगेटर्स सहित सभी बीमा मीडिएटर्स की इस पोर्टल तक पहुंच होगी।
ऐसे होगी पॉलिसी की खरीद
पॉलिसीधारक इस पोर्टल से किसी बिचौलिए के माध्यम से या सीधे उत्पाद खरीद सकेंगे। इसका 'गेट सपोर्ट मोड' भी पॉलिसीधारकों की सहायता करेगा। ग्राहक इसके लिए किसी बिचौलिए की मदद भी ले सकते हैं। पॉलिसीधारकों और नए ग्राहकों को बीमा प्रोडक्ट्स के अलावा उनकी पसंद की कंपनी और पेमेंट के लिए कई तरह के ऑप्शन मिल सकते हैं।
केवाईसी की जरूरत
जहां तक केवाईसी का सवाल है, जैसे ही ग्राहक पोर्टल में प्रवेश करते हैं, उनसे आधार नंबर मांगा जाएगा। केवाईसी आधार के माध्यम से पूरी की जाएगी। आधार नंबर डालते ही केवाईसी जनरेट हो जाएगी। इस पोर्टल में ग्राहकों की गोपनीयता का पूरा ख्याल रखा जाएगा और उनकी निजी जानकारी गुप्त रखी जाएगी।
दावों के निपटान में मिलेगी मदद
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के अध्यक्ष देबाशीष पांडा ने कहा कि सभी पॉलिसी बीमा रिपॉजिटरी में दर्ज होंगी। इसे अनिवार्य बनाया जाएगा। यह पॉलिसी नंबर के आधार पर बिना किसी कागजी कार्रवाई के दावों के निपटान में मदद करेगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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