सोने पर सबसे बड़ा टारगेट, 2026 में इस भाव पर पहुंच जाएंगी कीमतें, बैंक ऑफ अमेरिका का दावा
बैंक ऑफ अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में गोल्ड प्राइस को लेकर बड़ा दावा किया है। Bofa ने अनुमान लगाया है कि 2026 में गोल्ड की कीमत औसतन 4,538 डॉलर प्रति औंस रह सकती हैं और इसके 5,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचने की संभावना है। भारतीय रुपयों में यह रकम 1,57000 रुपये प्रति दस ग्राम है।
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नई दिल्ली। रिकॉर्ड तेजी (Gold Prices) के बाद सोने में गिरावट आई लेकिन अब भी गोल्ड सवा लाख रुपये प्रति दस ग्राम के आसपास कारोबार कर रहा है। इस बीच सोने की कीमतों को लेकर एक और दावा किया गया है। दरअसल, बैंक ऑफ अमेरिका ने 2026 में गोल्ड की कीमत औसतन 4,538 डॉलर प्रति औंस रहने का अनुमान लगाया है, लेकिन निरंतर मैक्रो अनुकूल परिस्थितियों और सुरक्षित निवेश की मांग के साथ कीमत 5,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचने की संभावना है, भारतीय रुपयों में यह रकम 1,57000 रुपये प्रति दस ग्राम है। फिलहाल, वैश्विक हाजिर कीमतें लगभग 4,175 डॉलर प्रति औंस हैं।
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, 24 कैरेट सोने की 10 ग्राम की कीमत 1,25,342 रुपये है। बैंक ऑफ अमेरिका ने संकेत दिया कि सोने के "ओवर बॉट" और "अंडर-इन्वेस्टेड" दोनों परिस्थिति में अभी भी तेजी की गुंजाइश है।
क्यों आ सकती है सोने में तेजी
बैंक ऑफ अमेरिका ने पूर्वानुमान लगाया है कि यदि प्रमुख मैक्रो कारण जैसे कि हायर गवर्नमेंट लोन लेवल, लगातार बढ़ती महंगाई, कम ब्याज दरें, तथा अपरंपरागत अमेरिकी आर्थिक नीतियों का प्रभाव, जो पहले से ही सोने की ऐतिहासिक तेजी में योगदान दे रही हैं, प्रभावित होती हैं तो सोना 5,000 डॉलर तक पहुंच सकता है।
बैंक के अनुसार, चीन से मांग में कमी, प्रमुख खनन धातुओं की आपूर्ति में बाधा, कम वैश्विक भंडार अन्य कारण भी सोने की कीमतों को प्रभावित करेंगे। वहीं, न्यूयॉर्क फेड के अध्यक्ष जॉन विलियम्स ने जब यह कहा कि ब्याज दरों में कटौती से महंगाई के खिलाफ फेड की लड़ाई को नुकसान नहीं पहुंचेगा, तब से दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
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सीएमई फेडवाच टूल ने दर्शाया है कि व्यापारियों ने दिसंबर में फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की 81 प्रतिशत संभावना जताई है, जो एक सप्ताह पहले 40 प्रतिशत थी। कम फेड दरों से सोने को बढ़ावा मिलता है, क्योंकि इस धातु पर कोई यील्ड नहीं होता है, जिससे ब्याज दरों में गिरावट होने पर इसकी कीमतों के लिए पॉजिटिव होता है।

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