Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Budget 2023: बजट भाषण के दौरान कही गईं वो बातें, जो अब तक की जाती हैं याद

    Budget 2023 बजट पेश होने में कुछ ही दिनों का समय रह गया है। पिछले बजट भाषणों में नेताओं की ओर से कई ऐसी बातें कही गई हैं जिन्हें आज भी याद किया जाता है। (फोटो- जागरण फाइल फोटो)

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sun, 29 Jan 2023 09:00 PM (IST)
    Hero Image
    Budget 2023 poetry and Quotes used by Finance minister

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Budget 2023: बजट का दिन हमेशा से ही सभी सरकारों के लिए खास रहा है। बजट जब भी पेश किया जाता है, तो अक्सर वित्त मंत्री अपनी बात को सदन के अन्य नेताओं और जनता तक बेहतर ढंग से पहुंचाने के लिए प्रसिद्ध कवियों की पंक्तियों का सहारा लेते हैं। आज हम अपनी इस रिपोर्ट में ऐसी ही कुछ दिलचस्प बाते बताएंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) भी बजट के दौरान अपनी बात रखने के लिए ऐसा करती रही हैं। वह एक फरवरी को 2023 का बजट पेश करेंगी।

    मनमोहन सिंह (1991)

    पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री रहे मनमोहन सिंह द्वारा 1991 में पेश किए गए बजट को काफी ऐतिहासिक माना जाता है। उन्होंने इस बजट में देश को संकट से निकालने के लिए निजीकरण और उदारीकरण जैसे निर्णय को लागू किया था। इसको समझाने के लिए फ्रेंच लेखक विक्टर ह्यूगो की पंक्ति का उपयोग किया था। ह्यूगो ने कहा था कि 'उस विचार को रोक नहीं जा सकता है, जिसका समय आ चुका है।' इसका इस्तेमाल करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि पूरी दुनिया को जान लेना चाहिए कि भारत जाग चुका है। हम जीतेंगे और मुश्किलों से निजात पाएंगे।

    यशवंत सिन्हा (2001)

    अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री यशवंत सिंहा की ओर से बजट भाषण के दौरान की गई शायरी को काफी याद किया जाता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'तकाजा है वक्त का कि तूफान से जूझो, कहां तक चलोगे किनारे-किनारे?'

    अरुण जेटली (2017)

    2017 के बजट भाषण के दौरान पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से यूपीए सरकार में लिए गए खराब फैसलों की आलोचना के लिए उपयोग की गई पंक्ति उस समय काफी लोकप्रिय हुई थी। उन्होंने कहा था कि 'कश्ती चलाने वालों ने जब हारकर दी पतवार हमें, लहर-लहर तूफान मिले और मौज-मौज मझदार मुझे।'

    निर्मला सीतारमण (2021)

    कोरोना महामारी के दौरान 2021 में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रवींद्र नाथ टैगोर की पंक्तियों को बोलते हुए कहा था कि 'विश्वास वह चिड़िया है जो तब रोशनी का अहसास करती है और गीत गुनगुनाती है, जब सुबह से पहले रात का अंधेरा छट रहा होता है।'

    ये भी पढ़ें-

    Budget 2023 में इस बार आम आदमी का होगा बड़ा फायदा? इन चीजों पर राहत मिलने के आसार

    Budget 2023: क्या होता है Direct Tax, सरकार के लिए क्यों है जरूरी? जानें इससे जुड़ी सभी बातें