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    Budget 2023: क्या होता है Direct Tax, सरकार के लिए क्यों है जरूरी? जानें इससे जुड़ी सभी बातें

    Budget 2023 किसी भी सरकारी की आय का एक बड़ा हिस्सा डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax) से आता है। इनकम टैक्स कॉर्पोरेट टैक्स कैपिटल गेन टैक्स सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स और वेल्थ टैक्स आदि इसके उदाहरण हैं। (जागरण फाइट फोटो)

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sat, 28 Jan 2023 06:45 PM (IST)
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    What is Direct Tax Meaning types and significance

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Budget 2023: डायरेक्ट टैक्स या प्रत्यक्ष कर, व्यक्ति और संस्थाओं की ओर से की जाने वाली कमाई पर लगता है। जैसे कि इसके नाम से सपष्ट होता है कि यह प्रत्यक्ष होता है और सीधे सरकार को भुगतान किया जाता है। डायरेक्ट टैक्स के तहत आने वाली देनदारी को कोई व्यक्ति या संस्था ट्रांसफर नहीं कर सकती है। इनकम टैक्स, कॉर्पोरेट टैक्स और प्रॉपर्टी टैक्स इसके उदाहरण हैं।

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    कितने प्रकार का होता है डायरेक्ट टैक्स

    डायरेक्ट टैक्स दो प्रकार का होता है, पहला- इनकम टैक्स और दूसरा -कॉर्पोरेट टैक्स

    • इनकम टैक्स, व्यक्तियों और संस्थाओं द्वारा अर्जित की जाने वाली आय पर लगता है। इनकम टैक्स का स्लैब आय के हिसाब से बदलता है, जिसकी आय अधिक होती है, उससे अधिक टैक्स लिया जाता है। अगर किसी की आय कम है, तो उससे कम टैक्स लिया जाता है या फिर छूट के दायरे में रखा जाता है।
    • कंपनियों के मुनाफे पर लगने वाले टैक्स को कॉर्पोरेट टैक्स कहा जाता है। कॉर्पोरेट टैक्स की दर इस बात निर्भर करती है कि कंपनी विदेशी या फिर घरेलू है। कॉर्पोरेट टैक्स पर सरचार्ज और सेस लिया जाता है।
    • इसके अलावा कैपिटल गेन टैक्स, सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स और वेल्थ टैक्स को भी डायरेक्ट टैक्स के दायरे में आता है।

    सरचार्ज और सेस में अंतर

    सरचार्ज किसी स्पेशल स्लैब के तहत टैक्स भरने वाले व्यक्तियों पर लगाया जाता है। यह बेसिक टैक्स रेट का एक निश्चित प्रतिशत होता है। वहीं, सेस किसी विशिष्ट उत्पाद पर लगाया जाता है। इसका प्रयोग सरकार के किसी विशेष योजना को वित्त प्रदान करने के लिए जाता है।

    क्यों लगाया जाता है डायरेक्ट टैक्स?

    डायरेक्ट टैक्स सरकारी खर्च को पूरा करने के फंड उपलब्ध करने के काम आता है और इससे आय को अर्थव्यवस्था में उचित तरीके से बांटने में मदद मिलती है। डायरेक्ट टैक्स से होने वाली आय को सरकार द्वारा सावर्जनिक वस्तुओं और सेवाओं जैसे बुनियादी ढांचे और शिक्षा के साथ आय में होने वाली असमानता को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है।

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