क्या कम होंगी पेट्रोल-डीजल की कीमतें? कच्चे तेल के दाम में लगातार गिरावट, 67 डॉलर/बैरल के नीचे पहुंचा भाव
इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें लगातार गिरावट के साथ 67 डॉलर प्रति बैरल के नीचे बनी हुई हैं। पिछले 5 दिनों में ब्रेंट क्रूड का प्राइस 2.50 फीसदी तक टूट गया है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में कमजोरी जा रही है तो तेल कंपनियां त्योहारी सीजन में कीमतों में कटौती कर बड़ी राहत दे सकती हैं।

नई दिल्ली। कच्चे तेल के दामों (Brent Crude Prices) में लगातार गिरावट होने से पेट्रोल-डीजल की कीमतों के मोर्चे पर आम आदमी को राहत मिल सकती है। दरअसल, पिछले 5 दिनों में ब्रेंट क्रूड का प्राइस 2.50 फीसदी तक टूट गया है। आज भी ब्रेंट क्रूड 67 डॉलर के नीचे कारोबार कर रहा है। उधर, इराक और तुर्की के बीच कुर्दिस्तान से कच्चे तेल का निर्यात फिर से शुरू करने के समझौते की खबर के बाद, अतिरिक्त ग्लोबल सप्लाई से जुड़ी चिंताओं को लेकर तेल की कीमतों में गिरावट देखी गई है।
क्रूड की कीमतों में गिरावट के चलते पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel Prices) के दाम प्रभावित होते हैं। भारत में ऑयल मार्केटिंग कंपनियां, जैसे- आईओसी, बीपीसीएल और हिंदुस्तान पेट्रोलियम, रोजाना ईंधन की कीमतों की समीक्षा कर नए रेट जारी करती हैं। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में कमजोरी जा रही है तो तेल कंपनियां त्योहारी सीजन में कीमतों में कटौती कर बड़ी राहत दे सकती हैं।
कहां है ट्रेड कर रही कच्चे तेल की कीमतें
इंटरनेशनल मार्केट में ब्रेंट क्रूड और डब्ल्यूटीआई की कीमतें दोनों क्रमशः $66.80 और $62.60 प्रति बैरल पर आ गई हैं। इससे पहले 22 सितंबर को यूरोप और मीडिल ईस्ट में भू-राजनीतिक तनावों के कारण तेल की कीमतों में तेजी आई थी। हालाँकि, आपूर्ति बढ़ने की उम्मीद और वैश्विक ईंधन माँग पर व्यापार शुल्कों के प्रभाव को लेकर चिंताओं ने ऑयल की कीमतों में इस बढ़त को सीमित कर दिया।
तेल कंपनियां रोज करती हैं कीमतों की समीक्षा
पब्लिक सेक्टर की ऑयल मार्केटिंग कंपनियां, रोजाना अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों और विदेशी विनिमय दरों के आधार पर भारत में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों की समीक्षा करती हैं। इससे पहले पिछले साल 14 मार्च को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी, जो 15 मार्च से प्रभावी हुई।
वहीं, इस साल वित्त मंत्रालय ने अप्रैल में पेट्रोल और डीज़ल पर उत्पाद शुल्क में 2-2 रुपये की बढ़ोतरी कर दी। यह बदलाव 8 अप्रैल 2025 से लागू है।
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