सरकार ने दी LPG सिलेंडर पर 30000 करोड़ रुपये की सब्सिडी, ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के नुकसान की होगी भरपाई
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घरेलू एलपीजी की बिक्री पर हुए घाटे के लिए 3 सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (आईओसीएल बीपीसीएल और एचपीसीएल) को 30000 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति राशि को मंजूरी दे दी है। तेल मार्केटिंग कंपनियों को एलपीजी बिजनेस में लगभग 30000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इसके बावजूद कंपनियों ने एलपीजी (LPG Cylinder Price) की कीमतों में वृद्धि नहीं की थी।
नई दिल्ली। नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घरेलू एलपीजी की बिक्री पर हुए घाटे के लिए 3 सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल) को 30,000 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति राशि को मंजूरी दे दी है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने ईंधन की ऊंची वैश्विक कीमतों के बावजूद सिलेंडर की कीमतों को अपरिवर्तित रखा था, जिससे एलपीजी की भारी अंडर-रिकवरी ने उनके मुनाफे को प्रभावित किया। देश घरेलू एलपीजी खपत के लिए अधिकांश आयात पर निर्भर है।
तेल कंपनियों को हुआ 30,000 करोड़ रुपये का घाटा
तेल विपणन कंपनियों को अप्रैल-दिसंबर 2024 के दौरान लगभग 30,000 करोड़ रुपये का एलपीजी घाटा हुआ, जो अंतरराष्ट्रीय ईंधन की ऊंची कीमतों के कारण हुआ। वित्तीय दबाव को देखते हुए, तेल मंत्रालय ने 2025 के बजट से पहले वित्त मंत्रालय से संपर्क किया था और इन घाटे को कम करने के लिए सब्सिडी की मांग की थी।
हरदीप सिंह पुरी ने दिया था बयान
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि पेट्रोल-डीजल के साथ एलपीजी गैस सस्ती हो सकती है। ऐसे में आने वाले समय में पेट्रोल डीजल के साथ एलपीजी के दामों में गिरावट देखने को मिल सकती है।
₹30,000 करोड़ की इस सब्सिडी से इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन जैसी कंपनियों को लक्षि फायदा होगा। ये वे कंपनियां हैं जो घरेलू सामर्थ्य बनाए रखने के लिए वैश्विक मूल्य उतार-चढ़ाव का खामियाजा भुगतती हैं।
इस पूंजीगत सहायता के माध्यम से, सरकार मुद्रास्फीति के दबाव और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच उपभोक्ताओं को मूल्य वृद्धि से बचाना चाहती है। हालांकि, इस खबर को लिखते समय तक इस संबंध में सरकार की ओर से किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं मिली है। और ना ही पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा कोई आधिकारिक पुष्टि जारी की गई है।
पहले भी सरकार दे चुकी है सब्सिडी
सरकार ने पहले भी वैश्विक अस्थिरता के बावजूद एलपीजी की कीमतों को स्थिर रखने से होने वाले नुकसान के लिए तेल विपणन कंपनियों को सब्सिडी दी है। अक्टूबर 2022 में, सरकार ने वित्त वर्ष 22 में हुई अंडर-रिकवरी के लिए एकमुश्त मुआवजे के रूप में 22,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी। ऐसे में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को उनके घाटे की भरपाई के लिए सब्सिडी दिए जाने की संभावना है।
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