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    इस रूसी कंपनी के भारत में 6750 पेट्रोल पंप! EU की ब्लैक लिस्ट से अब हो रही दिक्कत; पेट्रोल पंप पर दिखेगा असर?

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 05:57 PM (IST)

    नायरा एनर्जी को लगातार दूसरे महीने गैर-रूसी कच्चे तेल की आपूर्ति में पश्चिमी जहाज कंपनियों के इनकार के कारण कठिनाई हो रही है। रूसी कंपनी रोसनेफ्ट पीजेएससी की आंशिक हिस्सेदारी होने और यूरोपीय संघ की काली सूची में शामिल होने के बाद यह समस्या आई है। कंपनी अगस्त से रूसी तेल पर निर्भर है क्योंकि प्रतिबंधों के चलते अनुपालन शिपिंग और भुगतान में दिक्कतें आ रही हैं।

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    प्रतिबंधों के बाद नायरा को गैर रूसी तेल मिलने में आ रही हैं दिक्कतें।

     नई दिल्ली| नायरा एनर्जी को लगातार दूसरे महीने गैर रूसी कच्चे तेल मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसकी वजह यह है कि पश्चिम की जहाज कंपनियों ने इसके लिए तेल भेजने से इन्कार कर दिया है।

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    बता दें कि कंपनी की आंशिक हिस्सेदारी रूसी पेट्रोलियम कंपनी रोसनेफ्ट पीजेएससी के पास है और जिसे जुलाई में यूरोपीय संघ (ईयू) ने 'काली सूची' में डाल दिया था। नायरा, जिसने गुजरात के वाडिनार में अपनी 4,00,000 बैरल प्रतिदिन की तेल रिफाइनरी के उत्पादन में पहले ही कटौती कर दी है, अगस्त से रूसी बैरल पर काफी हद तक निर्भर है।

    वैश्विक व्यापार विश्लेषण फर्म केपलर के शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि कंपनी को अगस्त में लगभग 2,42,000 बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) रूसी तेल मिला।

    संभवत: मास्को द्वारा व्यवस्थित जहाजों के माध्यम से, और सितंबर के पहले पखवाड़े में 3,32,000 बैरल प्रतिदिन तेल हासिल हुआ। इराक और सऊदी अरब ने जुलाई में नायरा को लगभग 1,20,000 बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल की आपूर्ति की थी।

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    केपलर के प्रमुख शोध विश्लेषक (रिफाइनिंग और मॉडलिंग) सुमित रिटोलिया ने कहा, 'नायरा की स्थिति मौजूदा प्रतिबंधों के बोझ तले चुनौतीपूर्ण बनी हुई है, जिससे रूसी बैरल पर उसकी निर्भरता और बढ़ गई है। प्रतिबंधों के बाद, रिफाइनरी को अनुपालन, शिपिंग, भुगतान चैनलों और कम कच्चे तेल के आयात से जूझना पड़ा है।'

    प्रतिबंधों का मतलब यह है कि गैर रूस समर्थित जहाजी बेड़े ने तेल ले जाने से इन्कार कर दिया और पश्चिमी बीमा कंपनी ने तेल के लिए कवर प्रदान करने से मना कर दिया है। ईयू ने नायरा के लगभग आधा दर्जन शीर्ष अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया है, जिसमें कंपनी के सीईओ भी शामिल थे। बाद में उन्होंने कंपनी से इस्तीफा दे दिया था।