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    बिहार का दौलतमंद लीडर कौन? कभी नहीं लड़ा विधायकी और लोकसभा का चुनाव, इस दल से रखते हैं संबंध

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 12:50 PM (IST)

    बिहार की राजनीति में सबसे अमीर नेता के तौर पर रविंद्र किशोर सिन्हा को माना जाता है, जिन्हें देश में सिक्योरिटी मुगल भी कहा जाता है। myneta.info की साइट पर उपलब्ध जानकारी में रविंद्र किशोर सिन्हा की संपत्ति 8,57,11,49,173 रुपये बताई गई है। रविंद्र किशोर बीजेपी से राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं।

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    बिहार की राजनीति में सबसे अमीर नेता एक जाने-माने बिजनेसमैन हैं।

    नई दिल्ली। बिहार की राजनीति और नेता, हमेशा सुर्खियों में रहते हैं और विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के चलते यहां चुनावी सरगर्मी और बढ़ गई है। इस राज्य की पॉलिटिक्स में पिछले 3 दशक से दबंग और बाहुबली नेताओं का दबदबा रहा है। लेकिन, इतिहास में जाकर देखें तो बिहार ने देश को कई करिश्माई लीडर भी दिए हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं बिहार की राजनीति में मौजूदा दौर में सबसे अमीर नेता कौन है? हैरानी की बात है कि इस लीडर ने अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है।

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    बिहार की राजनीति में सबसे अमीर नेता (Bihar Richest Leader) एक जाने-माने बिजनेसमैन हैं, जिन्हें सिक्योरिटी मुगल के नाम से भी जाना जाता है। आइये आपको बताते हैं बिहार के इस दौलतमंद लीडर की नेटवर्थ और राजनीतिक जीवन के बारे में...

    कौन हैं सिक्योरिटी मुगल

    बिहार की राजनीति में सबसे अमीर नेता के तौर पर रसूख रखने वाले व्यक्ति का नाम है रविंद्र किशोर सिन्हा, जिन्हें देश में सिक्योरिटी मुगल भी कहा जाता है। दरअसल, रविंद्र किशोर सिन्हा, SIS (सिक्योरिटी एंड इंटेलीजेंस सर्विसेज) के फाउंडर हैं। फोर्ब्स के अनुसार, रविंद्र किशोर सिन्हा की नेटवर्थ 1 बिलियन डॉलर यानी 87,63,66,00,000 रुपये है।

    वहीं, एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, myneta.info की साइट पर उपलब्ध जानकारी में रविंद्र किशोर सिन्हा की संपत्ति 8,57,11,49,173 रुपये बताई गई है।

    पहले पत्रकार फिर बिजनेसमैन और अब नेता

    खास बात है कि रविंद्र किशोर सिन्हा ने अपने करियर की शुरुआत बतौर पत्रकार की थी। साल 1971 में भारत-पाकिस्तान का युद्ध कवर करने के दौरान उन्हें एक बिजनेस आईडिया मिला, जिसका उद्देश्य रिटायर सैनिक कर्मचारियों को रोजगार देना था।

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    1974 में उन्होंने महज 250 रुपये की पूंजी के साथ अपनी कंपनी SIS की शुरुआत की। सबसे पहले उन्होंने 14 रिटायर सैनिकों को 400 रुपये प्रतिमाह सैलरी में काम पर रखा था और अब कंपनी में कर्मचारियों की संख्या एक लाख से ज्यादा है। इस तरह से Security and Intelligence Services भारत की एक बड़ी सुरक्षा कंपनी बन गई।

    सबसे अमीर नेता, पर नहीं लड़ा चुनाव

    साल 2014 में रविंद्र किशोर सिन्हा को भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा की सदस्यता दी और बीजेपी की ओर से राज्यसभा सांसद बनने के साथ ही रविंद्र किशोर सिन्हा का राजनीतिक सफर शुरू हुआ।