क्या है Shrimp Tariff Act? 2 अमेरिकी सांसद भारत पर लागू करना चाहते ये कानून, किस सेक्टर को होगा इससे नुकसान
What is Shrimp Tariff Act यूएस कांग्रेस में अमेरिकी सीनेटर बिल कैसिडी और सिंडी हाइड-स्मिथ ने भारत के खिलाफ श्रिम्प टैरिफ एक्ट पेश किया। इस प्रस्तावित अधिनियम का मकसद अमेरिकी बाज़ारों में भारतीय झींगों की डंपिंग को रोकना है। क्योंकि यह लुइसियाना के झींगा और कैटफ़िश उद्योगों के लिए खतरा है।

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले से भी भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा चुके हैं और अब दो अमेरिकी सांसद भारत पर श्रिम्प टैरिफ एक्ट (Shrimp Tariff Act) लगाने की मांग कर रहे हैं। इस खबर के चलते शेयर बाजार में झींगा निर्यातक कंपनियों के शेयर बुरी तरह गिर गए। दरअसल, यह टैरिफ एक्ट भारतीय झींगा निर्यातक कंपनियों पर लगाए जाने की मांग की जा रही है। अमेरिकी सीनेटर बिल कैसिडी और सिंडी हाइड-स्मिथ ने पिछले सप्ताह यूएस कांग्रेस में 'भारत झींगा टैरिफ अधिनियम' पेश किया।
इस बिल को लेकर इन अमेरिका सांसदों की दलील है कि वे इसके जरिए भारत द्वारा की जा रही अनुचित व्यापार प्रथाओं पर रोक लगाना चाहते हैं। क्योंकि, यह लुइसियाना के झींगा और कैटफ़िश उद्योगों के लिए खतरा है।
क्या है Shrimp Tariff Act?
श्रिम्प टैरिफ एक्ट, इस प्रस्तावित अधिनियम का मकसद अमेरिकी बाज़ारों में भारतीय झींगों की डंपिंग को रोकना है। इस अधिनियम को यूएस कांग्रेस में पेश करने वाले अमेरिकी सांसद कैसिडी ने कहा, "समान अवसर प्रदान करके, यह विधेयक लुइसियाना के समुद्री खाद्य पदार्थों और उस पर निर्भर नौकरियों की रक्षा करता है।"
हाइड-स्मिथ ने कहा कि अनियंत्रित आयात ने अमेरिकी झींगा उत्पादकों, प्रोसेसर और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुँचाया है। उन्होंने कहा, "यह विधेयक हमारे घरेलू उद्योग को और अधिक समान अवसर प्रदान करेगा।" अगर यह विधेयक पारित हो जाता है, तो निर्यात-उन्मुख झींगा चारा कंपनियों के मुनाफे को नुकसान पहुँच सकता है।
भारतीय झींगा उद्योग को होगा नुकसान
पिछले हफ़्ते की शुरुआत में, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ़ से भारत के झींगा निर्यातकों को 25,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है, और आधे से ज़्यादा निर्यात ऑर्डर रद्द होने की आशंका है।
बता दें कि भारत के झींगा निर्यात में 80 प्रतिशत हिस्सेदारी आंध्र प्रदेश की है, जिसका सालाना मूल्य 21,000 करोड़ रुपये से अधिक है। समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 के दौरान, भारत ने 7.38 अरब डॉलर मूल्य के समुद्री खाद्य पदार्थों का रिकॉर्ड निर्यात किया, जिसमें अमेरिका और चीन प्रमुख आयातक थे और फ्रोजन झींगा सबसे बड़ी निर्यात वस्तु थी।
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